रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने बॉम्बे हाई कोर्ट से कथित टीआरपी घोटाला मामले में जांच बंद करवाने की गुहार लगाई है। अर्नब का कहना है कि मुंबई उनके कर्मचारियों के खिलाफ बदसलूकी कर रही है। ऐप्लिकेशन में यह भी कहा गया है कि रिपब्लिक टीवी के असिस्टेंट वाइस प्रेसिजेंड घनश्याम सिंह को हिरासत में लेकर प्रताड़ित किया गया।

अर्नब गोस्वामी ने अपने कर्मचारियों की सुरक्षा की मांग की है और कहा है कि मुंबई पुलिस अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रही है। गोस्वामी ने कहा कि इस जांच को बंद कर देना चाहिए क्योंकि सारे आरोप निराधार हैं। इस जांच का इस्तेमाल करके पुलिस रिपब्लिक टीवी के कर्मचारियों को परेशान करने का काम कर रही है। रिपब्लिक टीवी और कर्मचारियों पर की गई एफआईआर को रद्द करने की अर्जी अभी बॉम्बे हाई कोर्ट के पास पेंडिंग है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बॉम्बे हाई कोर्ट इस याचिका पर फैसला सुनाए और तब तक अर्नब गोस्वामी अंतरिम जमानत पर रहेंगे।

रिपब्लिक टीवी ने केस को सीबीआई को हैंडओवर करने देने की भी मांग की है। सूइसाइड के लिए उकसाने के एक पुराने मामले में अर्नब को पिछले सप्ताह जमानत मिल गई थी। इस याचिका में कहा गया है कि पुलिस पहले ही निर्धारित किए जा चुके तरीके से काम कर रही है और वह गवाहों को प्रभावित करके उनसे झूठे बयान दिलवा रही है। याचिका में कहा गया है कि कोर्ट को यह जांच सीबीआई को दे देनी चाहिए जिससे सच सामने आ सके।

जब पुलिस अधिकारियों से इस बारे में बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने इनकार कर दिया। बता दें कि टीआरपी मामले में मुंबई पुलिस ने केस दर्ज किया है। अभी कुछ दिन पहले ही अर्नब को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। कोर्ट ने यह भी कहा था कि महाराष्ट्र सरकार को इस तरह से किसी की टारगेट नहीं करना चाहिए और कोर्ट अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा करेगा। कोर्ट ने यह भी कहा था कि हाई कोर्ट एफआईआर रद्द करने पर फैसला जब तक नहीं सुनाता अर्नब की गिरफ्तारी नहीं होगी।