देशभर में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है। इस मुद्दे पर टीवी चैनलों पर भी काफी बहस हो रही है। केंद्र सरकार के साथ मंगलवार को किसानों की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद रिपब्लिक टीवी पर इस मुद्दे पर डिबेट रखी गई। इसमें अर्नब गोस्वामी ने भाजपा और कांग्रेस के प्रवक्ताओं के साथ किसान नेताओं को भी बुलाया। एक मौके पर जब अर्नब ने भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी से सवाल पूछा, तो लेफ्ट नेता विवेक श्रीवास्तव कहने लगे कि भाजपा फेल हो गई, अब कोई तैयार नहीं है। सिर्फ किसान तैयार हैं।
इस पर अर्नब ने पैनलिस्ट को फटकार लगाते हुए कहा- “अरे आपको किसने आमंत्रित किया? बिन बुलाए मेहमान, कबाब में हड्डी।” सुधांशु त्रिवेदी ने भी लेफ्ट नेता पर हमला करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में कभी ऐसा हुआ है कि किसानों से जमीन छीनने के लिए पुलिस ने नहीं, किसी पार्टी के कैडर ने हथियार लेकर किसानों को धमकाकर मारकर भगाया है, तो सिंगूर-नंदीग्राम में लेफ्ट पार्टी के कैडर ने भगाया था। यह हम नहीं ममता बनर्जी ने कहा था।
इससे पहले अर्नब ने भी सवाल उठाया था कि क्या नक्सली किसान बन गए, माओवादी किसान बन गए? किसान के मुद्दे पर जो ये सारे लोग बीच में आ गए हैं, क्या ये नक्सली, माओवादी किसान हैं? इस पर विवेक श्रीवास्तव ने कहा कि किसानों के साथ एनजीओ खड़े हैं। सबको खड़े होना चाहिए, नहीं तो देश कैसे बचेगा। आप पूंजीपतियों के साथ हैं।
इस पर अर्नब ने विवेक श्रीवास्तव को विवेक जिनपिंग बुलाते हुए पूछा कि क्या आप किसान नेता हैं। रिपब्लिक टीवी एडिटर ने लेफ्ट नेता को चीन का चाटुकार तक करार दे दिया। इस बीच जब भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने पूछा कि केरल की लेफ्ट सरकार ने एपीएमसी का नियम क्यों हटा रखा है, तो विवेक श्रीवास्तव ने बचते हुए कहा कि केरल की रूपरेखा अलग है, केरल की सरकार अलग है। केरल की सरकार पूंजीवादी नहीं है। इस पर एक बार फिर अर्नब ने विवेक को घेरते हुए कहा कि क्या केरल के किसान किसान नहीं हैं? उनकी बात कौन सुनेगा, उनके लिए प्रदर्शन कौन करेगा?