पश्चिम बंगाल में जल्द विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बंगाल में चुनाव प्रभारी और बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘बंगाल को सबसे पहले बचाने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे। हमारी राजनीतिक यात्रा जनसंघ से शुरू हुई जिसकी डॉ. मुखर्जी ने स्थापना की थी। हमारा कोई स्थानीय प्रतिनिधि नहीं है लेकिन हमारे पास मुख्यमंत्री पद के 10-10 उम्मीदवार हैं।’

विजयवर्गीय ने कहा, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में हमने किसी नेता को प्रोजेक्ट नहीं किया था। जहां हमारी सरकार नहीं रहती वहां हम किसी को प्रोजेक्ट नहीं करते, यह हमारी पॉलिसी है। अर्नब ने पूछा, ‘क्या आप पूरी टीएमसी को निगल जाएँगे? अभी खबर मिली है कि पूर्वी मिदनापुर के एमएलए ने इस्तीफा दे दिया है।’

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘हम हर किसी को अपनी पार्टी में नहीं लेंगे। बहुत सारे लोग आना चाहते हैं लेकिन हमने कहा जो लोग भ्रष्टाचार में शामिल थे, हम उन्हें नहीं लेंगे। भारतीय जनता पार्टी में वही आएगा जो नरेंद्र मोदी जी की सरकार पर विश्वास करता हो, सीएए का समर्थन करता हो, कृषि कानून का समर्थन करता हो। जो सोनार बांग्ला बनाना चाहता हो, हम उसी को लेंगे।’

इसके बाद अर्नब ने टीएमसी के बागी नेता शीलभद्र दत्ता से पूछा कि टीएमसी में क्या था कि आपको पार्टी छोड़नी पड़ी? शीलभद्र ने कहा, तृणमूल कांग्रेस में जब कांग्रेस से लोग आए थे तब भी सौदेबाजी नहीं हुई थी। अब तृणमूल से कोई जा रहा है तो इसे सौदेबाजी कहा जा रहा है। इसके बाद तृणमूल के नीरज ने कहा, जब-जब चुनाव आया है भाजपा ऐसी ही स्थिति में आ गई है। मोदी जी के नेतृत्व में बीजेपी ग्राम पंचायत का चुनाव भी लड़ना चाहती है।

शीलभद्र दत्ता ने कहा, ‘हम जब तृणमूल कांग्रेस में आए थे तब किसी ने नहीं कहा कि सौदेबाजी की है।’ टीएमसी प्रवक्ता ने कहा, टीएमसी ने आपको विधायक बनाया था। जनता ने आपको वोट टीएमसी के नाम से दिया था, न कि बीजेपी के नाम से। अर्नब ने टीएमसी प्रवक्ता के लिए कहा, जैसे-जैसे चुनावी पारा चढ़ेगा, भागम- भाग तेज होती जाएगी। बता दें कि अमित शाह दो दिन के पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं और कई टीएमसी नेता इस दौरान बीजेपी जॉइन कर सकते हैं।