केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी दिल्ली से सटे सिंघु बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन पिछले दो हफ्तों से जारी है। इसे लेकर रिपब्लिक टीवी के एंकर अर्णब गोस्वामी ने बड़ा दावा किया है। अर्णब का कहना है कि किसानों के आंदोलन को लेफ्ट और ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ ने हाईजैक कर किया है। अर्णब ने कहा कि किसानों के आंदोलन पर गिद्धों की नजर पड़ गयी है। टुकड़े गैंग ने किसानों के आंदोलन को हाईजैक कर लिया है।

रिपब्लिक टीवी पर अपने शो ‘पूछता है भारत’ में अर्णब ने कहा “ये लोग किसान आंदोलन की आड़ में एक बार फिर दिल्ली को जलाना चाहते हैं। ये लोग किसानों को मोहरा बना रहे हैं। मैं शुरू से कहता आ रहा हूं कि ये अल्ट्रा लेफ्ट, ये अर्बन नक्सल, किसानों के आंदोलन में घुस कर अपना एजेंडा चलाना चाहते हैं। आज यह शक सही निकला है।” पत्रकार ने दावा किया कि देश के खुफिया विभाग को इनपुट मिली है कि अल्ट्रा लेफ्ट नेता किसानों को भड़का कर दिल्ली में बड़े पैमाने पर आगजनी करवाना चाहते हैं। पूरी की पूरी लिस्ट सामने आ चुकी है। इनके कौन कौन नेता कब से दिल्ली में सक्रीय हैं, इसकी जानकारी मिल चुकी है।

अर्णब ने कहा “इन लोगों ने पूरा ब्लूप्रिंट तैयार किया है। इनकी प्लानिंग है कि आने वाले कुछ दिनों में किसान दिल्ली की सड़क पर उतरें, पब्लिक प्रोपटी को नुकसान पहुंचाएं। आगजनी करें, पर देश की जनता ऐसा होने नहीं देंगी। आखिर कबतक इन टुकड़े गैंग की वजह से हमारी राजधानी नुकसान झेलती रहेगी।”

गोस्वामी ने आगे कहा कि इससे पहले इनलोगों ने सीएए के नाम पर दिल्ली में दंगे करवाए, फिर शाहीन बाग करवाया। ये बार-बार फेल होते रहे हैं और आगे भी फेल होंगे। इन्हें हम किसी भी कीमत पर जीतने नहीं देंगे। सबसे जरूरी है कि किसानों के बीच भेष बदल कर घुसे इन भेड़ियों को पहचानना होगा। इन अराजक तत्वों को पहचान कर बाहर निकालना होगा। ये काम आसान नहीं है, ये लोग काफी भीतर तक घुस चुके हैं। पर हम इन्हें निकाल फेकेंगे, साथ मिलकर देश के साथ छल करने वाले इनलोगों को सबक सिखाएंगे।

शरजील इमाम, उमर खालिद समेत कई लोगों के पोस्टोरों पर सवाल करते हुए अर्णब ने कहा “दोस्तों आप बताइये कि किसानों के आंदोलन में शरजील इमाम के पोस्टर्स दिखाने का क्या मतलब है? किसान आंदोलन में वरावरा राव की तख्ती क्यों लगायी गयी। उमर खालिद के पोस्टर्स क्यों लगे, मैं पूछता हूं क्या ये किसान हैं? क्या इन लोगों ने कभी भी खेत देखे भी हैं? क्या इनलोगों ने कभी हल उठाए हैं। फिर किसान आंदोलन के बीच इनकी तस्वीरें क्यों, इनकी रिहाई की मांग क्यो। इन अर्बन नक्सल का MSP से क्या लेना देना, कृषि कानून से क्या वास्ता।

गोस्वामी ने कहा “सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ साफ कहा कि संवाद होगा तभी समाधान निकलेगा। दोस्तों ये अर्बन नक्सल संवाद होने नहीं देना चाहते। टुकड़े टुकड़े गैंग वाले नहीं चाहते कि किसानों की समस्या का समाधान हो। क्योंकि अगर समाधान हो गया तो इनका एजेंडा तो फ्लॉप हो जाएगा। देश को तोड़ने का जो मंसूबा इनलोगों ने पाला है, वो फेल हो जाएगा। इसलिए ये लोग किसानों के बीच अफवाह फैलाते रहते हैं। किसान चाहते हैं कि सरकार से बात हो, जल्दी से जल्दी मुद्दा सुलझे और वो घर जाएं। अभी रबी फसल की बुवाई का मौसम है, वो खेतों में लौटना चाहते हैं, लेकिन ये टुकड़े गैंग वाले सरकार और किसानों के बीच अफवाहों की दीवार खड़ी कर रहे हैं। अफसोस तो ये है कि विपक्ष के नेता भी किसानों के मुद्दे पर टुकड़े गैंग के साथ कंधे से कंधा मिला कर चलते दिख रहे हैं। सब किसानों के नाम पर अपना अपना स्वार्थ साध रहे हैं।”