रिपब्लिक चैनल पर डिबेट के दौरान एंकर अर्नब गोस्वामी कहने लगे कि डर और शक का माहौल भारत को नुकसान पहुंचाएगा। लोकतंत्र हमारी ताकत है। भारत विरोधी लोग हमारी कमजोरियों का फायदा उठाना चाहते हैं। मीडिया के एक तबके का इस्तेमाल कर भारत के लोगों में डर और शक पैदा करने की कोशिश की जा रही है। जो लोग इस तरह का हमला कर रहे हैं। वे लगातार ऐसा करने की कोशिश करते रहेंगे। चाहे आर्टिकल 370 को लेकर फैलाई गई अफवाह हो, सीएए-एनआरसी हो, दिल्ली दंगा हो, किसान आंदोलन में घुसे खालिस्तानी हों, लाल किले में की गई हिंसा हो या फिर पेगासस जासूसी हमला वो लगातर हमले करते रहेंगे।

डिबेट में एंकर पूछने लगे कि विपक्ष पेगासस को लेकर संसद चलने क्यों नहीं दे रहा है? बता दें कि पेगासस जासूसी विवाद और केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों सहित अलग-अलग मुद्दों पर विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही बाधित हुई। लिहाजा चार बार के स्थगन के बाद पांचवीं बार सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। हंगामे के कारण आज एक बार फिर प्रश्न काल और शून्य काल हंगामे की भेंट चढ़ गए। कोई अन्य महत्वपूर्ण विधायी कामकाज भी नहीं हो सका।

सरकार की कोशिश थी कि नौचालन के लिए सामुद्रिक सहायता विधेयक पर चर्चा पूरी कर उसे सदन से पारित करा लिया जाए लेकिन हंगामे के कारण इस पर चर्चा नहीं हो सकी। चार बजे जब सदन की कार्यवाही फिर से आरंभ हुई तो पीठासीन अध्यक्ष सस्मित पात्रा ने नौचालन के लिए सामुद्रिक सहायता विधेयक पर चर्चा जारी रखने के लिए भारतीय जनता पार्टी के सदस्य जुगलसिंह माथुरजी लोखंडवाला का नाम पुकारा।

उन्होंने अपनी बात रखनी शुरू ही की थी कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्य सभापति के आसन के निकट आकर हंगामा करने लगे। विपक्षी सदस्यों की मांग थी कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को उनकी बात रखने का मौका दिया जाए लेकिन पीठासीन अध्यक्ष पात्रा ने हंगामा कर रहे सांसदों से कहा कि जब तक वे अपने स्थानों पर नहीं लौटेंगे, वह नेता प्रतिपक्ष को बोलने का मौका नहीं दे सकते।

मालूम हो कि इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पाइवेयर द्वारा भारत में 300 से अधिक मोबाइल फोन नंबरों को निशाना बनाकर जासूसी करने की खबर सामने आने के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर है।