Republic Day: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान तीसरी बार पिता बनने जा रहे हैं। मान ने यह खुशखबरी खुद दी है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर पंजाब सीएम लुधियाना में अपने संबोधन में कहा’ ‘मेरे घर में मार्च में खुशी आने वाली है। मेरी पत्नी गुरप्रीत कौर 7 महीने की गर्भवती हैं। मान ने आगे कहा कि आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हमने अभी तक यह पता नहीं किया कि लड़का या लड़की और ऐसा करना भी नहीं चाहिए। जो भी आए तंदरुस्त आए।’ हालांकि, भगवंत मान की यह बात सुनकर लोग कुछ देर के आश्चर्यचकित रह गए।

भगवंत मान ने इस दौरान लोगों से लिंग परीक्षण न करवाने की अपील की। उन्होंने कहा कि मैं सभी ऐसी प्रथाओं से बचने की अपील करता हूं। आइए हम सभी लोग लड़के-लड़कियों के बीच भेदभाव करने से बचें। इसके बजाए एक स्वस्थ बच्चे की कामना करें। अवसर मिलें तो ऐसा कुछ भी नहीं है, जिसके लड़कियां हासिल नहीं कर सकती हैं।

पंजाब की झांकियों पर जिन्हें दिल्ली में गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के लिए केंद्र द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था और शुक्रवार को लुधियाना में प्रदर्शित किया गया था। मान ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन्हें जानबूझकर गणतंत्र दिवस परेड से बाहर रखा गया था। मान ने कहा, “जिन्होंने जानबूझकर पंजाब की झांकी को परेड से बाहर रखा था, उन्हें बताना चाहिए कि उनमें क्या गलत है।”

लुधियाना के जिला प्रशासन द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, केंद्र द्वारा अस्वीकृत झांकियों को भी लोगों के देखने के लिए शुक्रवार और शनिवार को पूरे शहर में घुमाया जाएगा। दिलचस्प बात यह है कि मान ने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में हुई। उन्होंने कहा कि हर किसी को वहां दर्शन के लिए जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान युवाओं को नौकरियों और शिक्षा से वंचित रखा गया था, जिससे उन्हें राजनीतिक नेताओं की शरण लेनी पड़ी। उन्होंने कहा कि इस संस्कृति को इसलिए त्यागा जा रहा है, ताकि युवा राज्य की प्रगति और समृद्धि का अभिन्न अंग बनें। भगवंत मान ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब राज्य सरकार के कड़े प्रयासों से पंजाब का प्राचीन गौरव बहाल होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के हर संभव प्रयास से पिछले 75 वर्षों में पहली बार प्रदेश के आखिरी खेत के अंतिम छोर तक नहर का पानी पहुंचा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के हर संभव प्रयास से पिछले 75 वर्षों में पहली बार प्रदेश के आखिरी खेत के अंतिम छोर तक नहर का पानी पहुंचा है।