रिपब्लिक भारत पर डिबेट के दौरान बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा और पैनलिस्ट भिड़ गए। संबित पात्रा ने कहा कि ट्विटर ने इस डॉक्युमेंट को फेक नहीं बताया है। ट्विटर एक प्लेटफॉर्म चिड़िया है, जांच करने वाली चिड़िया नहीं है। मालूम हो कि आज सरकार ने कोविड- 19 के मुद्दे को लेकर केंद्र पर निशाना साधने के लिए कांग्रेस के कथित टूलकिट के साथ ‘ तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए मीडिया की श्रेणी’ टैग चलाने पर ट्विटर से आपत्ति जताई है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सरकार ने ट्विटर से कहा कि वह ‘ तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए मीडिया की श्रेणी’ टैग को हटाए क्योंकि मामला कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष लंबित है। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि है कि सोशल मीडिया मंच निर्णय नहीं दे सकता वह भी तब जब मामले की जांच जारी हो। सरकार ने ट्विटर से जांच प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करने को कहा। साथ ही सरकार ने कंपनी से कहा कि सत्यता का पता जांच से चलेगा न कि माइक्रो ब्लॉगिंग साइट के माध्यम से। सूत्रों के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कड़े शब्दों में ट्विटर की वैश्विक टीम को पत्र लिखा है और कुछ राजनेताओं के ट्वीट के साथ ‘ तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए मीडिया की श्रेणी’ टैग पर आपत्ति दर्ज कराई है।
ट्विटर ने टूलकिट मुद्दे पर मेरे ट्वीट को फर्जी नहीं बल्कि मेन्युपुलेटेड मीडिया बताया है: संबित पात्रा, राष्ट्रीय प्रवक्ता, भाजपा
देखिए ‘पूछता है भारत’ ऐश्वर्य के साथ रिपब्लिक भारत पर https://t.co/G945HvzM0Z pic.twitter.com/Pbc8IMSX60
— रिपब्लिक.भारत (@Republic_Bharat) May 21, 2021
ये ट्वीट कथित रूप से कोविड-19 महामारी के खिलाफ सरकार की कोशिशों को कमतर दिखाने, पटरी से उतारने और बदनाम करने के लिए बनाए टूलकिट के संदर्भ में किए गए थे। ट्विटर के साथ किए गए संवाद में मंत्रालय ने कहा कि पहले ही स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसी के समक्ष संबंधित पक्षकारों में से एक ने शिकायत दर्ज कराई है और टूलकिट की सच्चाई पर सवाल उठाया है एवं उसकी जांच की जा रही है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसी मामले की जांच कर रही है,ऐसे में ट्विटर ने एकतरफा तरीके से इस मामले में निष्कर्ष निकाल लिया और मनमाने तरीके से ‘ तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए मीडिया की श्रेणी’ के साथ इसे टैग कर दिया।
सूत्रों ने मंत्रालय के हवाले से बताया कि ट्विटर द्वारा इस तरह की टैगिंग न्याय से पूर्व, पूर्वाग्रह और जानबूझकर स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसी की जांच प्रभावित करने की कोशिश है। मंत्रालय ने ट्विटर के इस कथित एकतरफा कदम को निष्पक्ष जांच प्रक्रिया को प्रभावित करने और अपनी सीमा का उल्लंघन करार दिया है। मंत्रालय ने कहा कि यह पूरी तरह से अवांछित था।
मंत्रालय ने अपने पत्र में आगे कहा कि ट्विटर ने एकतरफा तरीके से कुछ ट्वीट को ‘ तोड़-मरोड़ कर पेश किया हुआ’ दिखाया जबकि कानून प्रवर्तन एजेंसी द्वारा जांच लंबित है। सूत्रों के मुताबिक पत्र में कहा गया कि ऐसे कदम से न केवल ट्विटर की उपयोगकर्ताओं द्वारा तटस्थ और निष्पक्ष तरीके से विचारों के आदान-प्रदान के मंच के तौर पर विश्वसनीयता कमजोर होती है बल्कि ट्विटर पर ‘बिचौलिया’ के तौर पर सवाल उठता है।
‘टूलकिट’ से संबंधित पात्रा के ट्वीट को ट्विटर ने ‘‘तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया’’ करार दिया: माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर ने भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के उस ट्वीट को ‘‘तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया’’ करार दिया है जिसमें उन्होंने कथित तौर पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने मोदी सरकार को निशाना बनाने के लिए एक ‘टूलकिट’ तैयार किया था।
ट्विटर का कहना है कि ‘वह ऐसे ट्वीट को यह करार देता जिनसे ऐसा मीडिया (वीडियो, ऑडियो और तस्वीरें) जुड़ा होता है जिसे छलपूर्वक तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया हो। कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को ट्विटर से लिखित तौर पर कहा था कि वह ‘समाज में गलत जानकरी और अशांति फैलाने’ के लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत कई भाजपा नेताओं के अकाउंट स्थायी रूप से निलंबित कर दे।
मुख्य विपक्षी पार्टी का कहना है कि भाजपा ने जिस कथित टूलकिट के दस्तावेज जारी किए हैं वो ‘फर्जी’ हैं। उसने कई प्रमुख भाजपा नेताओं के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है। छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की है।
भाजपा तथाकथित टूलकिट की कुछ विवादित सामग्री को लेकर कांग्रेस पर हमलावर रही है। पात्रा सहित भाजपा नेताओं ने टूलकिट को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कई ट्वीट किए हैं। ट्विटर ने पात्रा के जिस ट्वीट को ‘‘तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया’’ बताया है उसमें एक दस्तावेज पोस्ट करते हुए कहा गया है, ‘‘मित्रों, महामारी के दौरान जरूरतमंदों की मदद करने से संबंधित कांग्रेस के इस टूलकिट पर नजर डालिए। यह एक ठोस प्रयास की बजाय कुछ ‘मित्र पत्रकारों’ और ‘असर डालने वालों’ की मदद से प्रचार की कवायद भर है। आप कांग्रेस के एजेंडा के बारे में खुद पढ़िए।’’