यूपी के पूर्व DGP डॉ. विक्रम सिंह ने रिपब्लिक भारत पर डिबेट के दौरान कहा कि सचिन वाजे मामले में जांच हो रही है और जांच के तार परमवीर सिंह तक ही नहीं जाएंगे बल्कि पॉलिटिकल लीडरशिप तक जाएंगे। इस तरह का दुस्साहस और अपराध तभी होता है। जब नेताओं का समर्थन हो। वाजे ने कहा था कि मैं आइसबर्ग का एक छोटा सा टुकड़ा हूं। तो बड़ा टुकड़ा कौन है? एक नालायक जनरल के नीचे ही इस तरह के डकैत लोग पनपते हैं। जनरल बख्शी हैं, मैं पूर्व डीजीपी हूं बता दीजिए मर्सिडीज कैसी होती है? कैसी दिखती है?

बता दें कि मुंबई पुलिस के पूर्व अफसर सचिन वाजे के मामले को ठीक से न संभालने पर आलोचना का सामना कर रहे महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने आज एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की और उन्हें अन्य मुद्दों के बीच इससे जुड़े घटनाक्रम की जानकारी दी। दोनों नेताओं के बीच बैठक करीब दो घंटे तक चली। एनसीपी नेता देशमुख ने संवाददाताओं को बताया, ‘शरद पवार को सचिन वाजे मामले और मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक रखे जाने के बारे में जानकारी दी गई।’

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और राज्य आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) मामले की जांच कर रहे हैं और राज्य सरकार एनआईए के साथ सहयोग कर रही है।

देशमुख ने कहा, ‘जो भी दोषी होगा उसे सजा दी जाएगी। लेकिन जब तक एनआईए जांच पूरी नहीं करती, मैं टिप्पणी नहीं कर सकता। राज्य सरकार द्वारा एनआईए द्वारा अपनी जांच पूरी करने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।’


एक सवाल के जवाब में कि क्या देशमुख को हटाया जाएगा? शरद पवार ने बुधवार को कहा था, ‘यह मेरे लिए खबर है।’ शरद पवार ने कहा, ‘हमें विश्वास नहीं है कि (सचिन वाजे की गिरफ्तारी) राज्य सरकार को प्रभावित करेगी।’

अनिल देशमुख ने कहा कि कुछ उद्योग मल्टी-मोडल इंटरनेशनल कार्गो हब और एयरपोर्ट MIHAN, नागपुर में अपनी इकाइयां स्थापित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि NCP अध्यक्ष के साथ उनकी बैठक इस संबंध में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय से मदद लेने की थी।

शरद पवार से मुलाकात मुंबई पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह के तबादले के दो दिन बाद हुई। इससे पहले, मुंबई पुलिस के अफसर सचिन वाज़े को (एनआईए) ने मुकेश अंबानी के घर के बाहर जिलेटिन की छड़ों के साथ कार लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

सचिन वाजे पर मनसुख हिरन की हत्या की जांच भी चल रही है। मनसुख हिरन को 5 मार्च को ठाणे जिले में एक नाले में मृत पाया गया था।

बता दें कि सचिन वाजे, 1990 बैच के अफसर थे, जिन्हें 2004 में 2002 में घाटकोपर में हुए धमाके के कारण ख्वाजा यूनुस की हिरासत में मौत के मामले में 2004 में निलंबित कर दिया गया था।

बाद में, वह शिवसेना में शामिल हो गए थे। हालांकि, उन्हें पिछले साल बहाल कर दिया गया था।