निर्भय कुमार पांडेय
कृषि कानूनों के खिलाफ विभिन्न सीमाओं पर डटे किसानों में बुजुर्ग किसान अब दवा के सहारे आंदोलन में डटे हुए हैं। बढ़ती ठंड के कारण बुजुर्ग किसानों को रात की ठंड काटना मुश्किल हो रहा है। आंदोलन में शामिल किसानों ने कहा कि भला हो देश के विभिन्न मेडिकल एसोसिएशन का जो आंदोलन स्थल पर मेडिकल शिविर लगाकर दवाएं बांट रहे हैं। अगर मेडिकल शिविर नहीं होते तो किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता।
गाजीपुर बॉर्डर पर उत्तर प्रदेश मेडिकल एसोसिएशन की ओर से शिविर लगाया गया है, जहां पर चार डॉक्टर पूरे दिन भर मरीजों को इलाज करते हैं। पंजाब के सुरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि सर्दी की वजह से उनके शरीर और सिर में दर्द अधिक रहता था। दवा लेने के बाद आराम है। डॉक्टरों की सलाह पर शाम होते ही ट्रैक्टर में बने तंबु में चले जाते हैं। सुबह धूप निकलने के बाद ही तंबू से बाहर आते हैं।
वहीं, बलविंदर सिंह ने बताया कि पहले गर्म पानी से नहाने की व्यवस्था नहीं थी। करीब 20 दिन से वह आंदोलन कर रहे हैं। पर बीते दिनों लकड़ी से पानी गर्म करने वाले गीजर की व्यवस्था कर दी गई है। लेकिन यह पहले यह व्यवस्था नहीं थी इस वजह से भी किसानों को पहले सर्दी के मौसम में ठंडे पानी से नहाना पड़ा और रात को अधिक सर्दी पड़ने की वजह से उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
उन्होंने बताया कि पहले गर्म कपड़े नहीं थे, लेकिन बीते दो-तीन दिनों से कुछ लोग गर्म कपड़े देकर जा रहे हैं। इससे राहत तो मिली है। पर ठंड अधिक होने की वजह से किसानों की मुश्किलें बढ़ रही हैं। किसानों ने कहा कि केंद्र सरकार चैन की नींद सो रही है।