केरल के सीएम पिनरई विजय के साथ उनकी बेटी और सूबे के नेता प्रतिपक्ष को विजिलेंस कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उस य़ाचिका को खारिज कर दिया है जिसमें इन सभी लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत केस चलाने की मांग की गई थी। स्पेशल कोर्ट का कहना है कि याचिका में जो तथ्य दिए गए हैं वो केस चलाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। लिहाजा रिट को खारिज किया जाता है।

गिरीश बाबू नाम के शख्स ने स्पेशल विजिलेंस कोर्ट में इनकम टैक्स की रिपोर्ट को आधार बनाकर केस चलाने की मांग की थी। उनका आरोप है कि कोचिन मिनरल एंड रूटाइल लि. (CMRL) की तरफ से एक्सालॉजिक सॉल्य़ूशन प्रा. लि. के खाते में 1.72 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे। ये फर्म सीएम विजयन की बेटी वीना के नाम पर है। इस आइटी फर्म को वीना ही संचालित करती हैं। शनिवार को स्पेशल कोर्ट ने गिरीश बाबू की याचिका खारिज की थी।

सीएम और उनकी बेटी के साथ नेता प्रतिपक्ष पर भी करप्शन का आरोप

याचिकाकर्ता का आरोप है कि पिनरई विजयन के साथ केरल सरकार के कई बड़े अफसरों, नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के नेता रमेश चेनिनथला भी इस गड़बड़झाले में शामिल रहे हैं। इनके अलावा भी कुछ नेताओं को इस मामले में पार्टी बनाया गया था। उनके नाम कुंजालि कुट्टी, वीके इब्राहिम कुंजू, ए गोविंदन हैं। गिरीश बाबू का कहना है कि इन सभी हाई प्रोफाइल लोगों ने माइनिंग और दूसरे कारोबारों में जमकर पैसा बनाया।

स्पेशल जज बोले- याचिकाकर्ता ने नहीं दिया कोई पुख्ता सबूत

बाबू का कहना है कि इनकम टैक्स ने CMRL के दफ्तर में रेड करके कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए थे। कंपनी के प्रबंध निदेशक के घर पर भी छापेमारी की गई थी। उनका आरोप है कि इनकम टैक्स को कई ऐसे दस्तावेज मिले थे जिनमें लेनदेन का पुख्ता सबूत था। लेकिन स्पेशल जज ने माना कि याचिकाकर्ता ने ऐसा कोई दस्तावेज नहीं दिया है जिसके आधार पर प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 के तहत आरोपियों पर केस चलाया जा सके।