नागरिकता संशोधित कानून (CAA) और प्रस्तावित एनआरसी के देशव्यापी विरोध के बीच आधार कार्ड को लेकर नई जानकारी सामने आई है। यदि आप जम्मू-कश्मीर, असम और पूर्वोत्तर के नागरिक हैं तो आप आधार कार्ड के जरिये सिम भी नहीं खरीद सकते हैं। टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनी रिलायंस जियो का कहना है कि वह जम्मू-कश्मीर, असम और पूर्वोत्तर में आधार को पहचान का सबूत नहीं मानती है।

कंपनी ने जिन दस्तावेजों को पहचान पत्र के रूप में स्वीकार करने की बात कही है उसमें मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट और पैन कार्ड आदि शामिल है। कंपनी की तरफ से इस आशय की जानकारी रिलायंस जियो का सिम ब्लॉक कराने की प्रक्रिया के दौरान कंपनी की तरफ से एक कस्टमर को भेजी गई मेल में सामने आई है।

कस्टमर ने अपना जियो सिम ब्लॉक कराने के पहले कस्टमर केयर में फोन किया था। इसके बाद उसे कंपनी की तरफ से सिम ब्लॉक कराने को लेकर एक मेल भेजा गया। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितंबर 2018 को अपने फैसले में आधार कार्ड की मान्यता और उसकी जरूरत और प्रयोग को लेकर साफ फैसला सुनाया था।

शीर्ष अदालत ने कहा था कि आधार कार्ड को कही पर भी इसे अनिवार्य नहीं किया जा सकता है। अदालत ने कहा था कि आधार आम आदमी की पहचान है। इसका आशय था कि आधार कार्ड को पहचान के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मोबाइल नंबर लेने, बैंक खाता खुलवाने के लिए अब आधार कार्ड अनिवार्य नहीं रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यूआईडीएआई ने टेलिकॉम कंपनियों से प्लान मांगा था कि जिससे आधार कार्ड बेस्ड eKYC बंद किया जा सके। UIDAI ने एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन आईडिया के साथ अन्य कुछ कंपनियां को एक सर्कुलर जारी किया था। इसमें दूरसंचार कंपनियों से पूछा गया है कि अब मोबाइल सिमकार्ड के वेरिफिकेशन के लिए होने वाले आधार कार्ड नंबर के इस्तेमाल को कैसे रोका जाएगा। इसपर कंपनियों को 15 दिन के अंदर जवाब देना था। इसके बाद कंपनियों ने बिना आधार डिजिटल केवाईसी सिस्टम तैयार किया था।