महाराष्ट्र में अजित पवार और उनके समर्थक विधायकों की बगावत के बाद हलचल मची हुई है। राज्य के नए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि उनकी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं अब पता चला है कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए भी बीजेपी से पहले ही समझौता कर लिया है। सूत्रों ने कहा कि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी 2024 के लोकसभा चुनाव में राज्य में 13-15 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं विधानसभा चुनाव में एनसीपी वर्तमान में कांग्रेस के कब्जे वाली सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
एनसीपी नेता ने बताया 90 सीटों का गणित
अजित पवार खेमे के एक वरिष्ठ एनसीपी नेता ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि 90 विधानसभा सीटों के बारे में बयान बहुत तार्किक है। लेकिन यह भी तय हो गया है कि एनसीपी 13-15 लोकसभा सीटों पर भी चुनाव लड़ेगी। इसमें चार ऐसी सीटें शामिल हैं जहां एनसीपी के मौजूदा सांसद हैं और औरंगाबाद जैसी सीटें भी शामिल हैं जहां विपक्ष ने 2019 में जीत हासिल की थी।
एनसीपी नेता ने कहा कि अपनी स्थापना के बाद से पार्टी लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में दोहरे अंक का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हम इस बार दोहरे अंक का आंकड़ा पार करें। शिंदे गुट के पास 13 सांसद हैं, वे तय करेंगे कि कितने लोग लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। लेकिन हमने स्पष्ट कर दिया है कि हम 13-15 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
2019 में पार्टी ने रायगढ़, बारामती, शिरूर और सतारा लोकसभा सीटें जीती थीं। AIMIM ने औरंगाबाद में जीत हासिल की थी। इसके अलावा कांग्रेस-एनसीपी ने नवनीत राणा का समर्थन किया, जो अमरावती से जीती थीं, लेकिन बाद में उन्होंने भाजपा को समर्थन किया। भाजपा के साथ एनसीपी के समझौते से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना खेमे में तनाव और बढ़ने की संभावना है।
90 सीटों पर लड़ने के पीछे का तर्क समझाते हुए एनसीपी नेता ने कहा कि हमारे पास फिलहाल 53 विधायक हैं। इसमें दो निर्दलीय विधायकों यानी देवेंद्र भुयार और संजय शिंदे को जोड़ दिया जाए तो संख्या 55 हो जाएगी।
महाराष्ट्र में कांग्रेस को 45 सीटें मिली थीं
एनसीपी नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि कांग्रेस ने महाराष्ट्र में 45 विधानसभा सीटें जीती हैं। ये सिर्फ कांग्रेस के वोट नहीं हैं बल्कि एनसीपी ने उन्हें जीत दिलाने में मदद की है। स्वाभाविक रूप से अगर हम उनके खिलाफ चुनाव लड़ते हैं तो हमारे पास उन सीटों को जीतने का बेहतर मौका है।