प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को एक बड़ा एलान किया। राष्ट्र के नाम संबोधन करते हुए पीएम मोदी ने 500 और 1000 के नोट पर रोक लगा दी है। पुराने नोटों को 50 दिन के भीतर पोस्ट ऑफिस और बैंक में बदले जा सकेंगे। सरकार के इस फैसले की जनसत्ता के पाठकों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कुछ पीएम मोदी की तारीफ करते नजर आए तो कुछ ने कांग्रेस पर चुटली ली। पाठक सरकार के इस फैसले को आर्थिक सर्जिकल स्ट्राइक बता रहे हैं।

पुराने नोटों के बंदी के बाद सरकार अब 500 और 2000 के नए नोट छापेगी। सरकार के इस फैसले से हर तरफ अफरा तफरा का माहौल बन गया है हालांकि पीएम ने साफ कहा है कि 11 नवंबर तक अस्‍पतालों में पुराने नोट दिए जा सकेंगे। 72 घंटे तक पुराने नोट से रेलवे, सरकारी बसों और एयरपोर्ट पर टिकट खरीद सकेेंगे। वहीं बैंक ट्रांजेक्‍शन जारी रहेगा। ऑनलाइन पेमेंट, डेबिट, क्रेडिट और डिमांड ड्राफ्ट से भुगतान भी जारी रहेगा। नौ नवंबर को सारे बैंक बंद रहेंगे। आगे से ये सिर्फ कागज का टुकड़ा रह जाएंगे। बीजेपी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। वहीं कांग्रेस ने जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताया है। अलग अलग राजनैतिक पार्टी ने अपनी राय देनी शुरू कर दी है। ममता बनर्जी ने सरकार के इस फैसले की आलोचना की है। ममता बनर्जी ने कहा है कि काला धन नहीं लाने पर ड्रामा कर रही है मोदी सरकार। वहीं योगगुरू बाबा रामदेव ने सरकार के फैसले का साहसिक बताया है।