RBI Withdraws Rs 2,000 Notes: भारतीय रिजर्ब बैंक (RBI) ने शुक्रवार शाम को चौंकाने वाला फैसला लेते हुए दो हजार के नोट को सर्कुलेशन से बंद करने की घोषणा की। आरबीआई (RBI) ने कहा कि इन दो हजार के नोटों को 30 सितंबर तक वैध माना जाएगा। अब RBI के इस फैसले के बाद सियासत तेज हो गई है। राजनीतिक दलों के कई नेताओं ने इसको लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। इसी कड़ी में शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने दो हजार रुपये के नोटों को वापस लेने को लेकर मोदी सरकार पर कटाक्ष किया।

शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने शनिवार को 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश का सिस्टम सरकार के गुलाम की तरह काम कर रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ज्यादातर काला धन भाजपा नेताओं और उनके दोस्तों के पास है और वे पहले ही नोट बदलवा चुके हैं।

बीजेपी ने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया: संजय राउत

संजय राउत ने कहा कि नोटबंदी काले धन को वापस लाने के लिए की गई थी, लेकिन काला धन वापस आया क्या? उन्होंने कहा कि ज्यादातर काला धन बीजेपी नेताओं और उनके दोस्तों के पास है। बीजेपी ने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है।’

संजय सिंह बोले- अनपढ़ आदमी को पीएम बनाएंगे तो क्या होगा

आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने 2016 में कहा था कि नोटबंदी दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला है। उन्होंने कहा कि चौथी पास राजा ने कहा 2000 का नोट लाने से आतंकवाद, भ्रष्टाचार ख़त्म हो जाएगा अब कह रहे हैं हटाने से भ्रष्टाचार ख़त्म हो जाएगा। अनपढ़ आदमी को पीएम बनाएंगे तो कोई भी, कुछ भी पट्टी पढ़ा देगा।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 8 नवंबर 2016 की शाम को की गई घोषणा के साथ देश में 500 और 1000 रुपये के नोट प्रचलन से बाहर हो गए थे। इसके बाद 500 रुपये के नए नोट छापे गए थे और 2000 रुपये का नए मूल्यवर्ग का नोट बाजार में आया था।

2019-2022 तक दो हजार का नोट नहीं छपा

रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट के अनुसार 2019 से 2022 तक के तीन वित्तीय वर्षों में 2000 रुपये का एक भी नोट नहीं छापा गया है। बाजार में इस मूल्य वर्ग के नोटों का सर्कुलेशन काफी कम हो गया है।