रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर बिमल जालान ने चेतावनी दी है कि ज्यादा कमाने वालों पर टैक्स के ज्यादा बोझ से पैसा देश के बाहर जा सकता है। बिमल जालान का कहना है कि ‘यदि टैक्स की दर बहुत ज्यादा होती है तो सामान्य सी बात है कि लोग दूसरे देशों की तरफ, जहां टैक्स दर कम है या टैक्स पर छूट दी जाती है, जाना शुरु कर देंगे।’
बिमल जालान रिजर्व बैंक के रिजर्व फंड को सरकार को ट्रांसफर करने वाले पैनल के प्रमुख हैं। न्यूज एजेंसी रायटर्स को दिए एक इंटरव्यू में बिमल जालान ने कहा कि उच्च टैक्स दर से उधार लेने या फिर घरेलू निवेश प्रभावित होता है। इसलिए निवेशक अपने अपने पैसे को विदेश भेज सकते हैं।
बता दें कि भारत दुनिया के सबसे ज्यादा कॉरपोरेट टैक्स दर लगाने वाले देशों के मामले में टॉप10 में है। हालांकि हालिया बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन कंपनियों पर, जिनकी सालाना आय 400 करोड़ रुपए से कम है, उनके टैक्स रेट को 30% से घटाकर 25% कर दिया है। कुछ आर्थिक जानकारों का कहना है कि निजी निवेशकों की ढिलाई के चलते ही भारत की विकास दर कम आंकी जा रही है।
अमीरों पर उच्च टैक्स दर लगाने का विरोध पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन, वाई वेणुगोपाल रेड्डी और भाजपा के कुछ सहयोगियों ने भी किया है और उनका कहना है कि इससे लंबे समय में अर्थव्यवस्था के लिए खतरा हो सकता है।
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हालिया बजट में 5 करोड़ से ज्यादा सालाना कमाई में वाले लोगों पर टैक्स की दर बढ़ाकर 42.7% है। इस दायरे में विदेशी निवेशक और रजिस्टर्ड ट्रस्ट भी आते हैं। बीते दिनों बिजनेस स्टैंडर्ड के हवाले से खबर आयी थी कि बजट आने के बाद से विदेशी निवेशकों ने भारतीय इक्विटीज से 7,712 करोड़ रुपए निकाल लिए हैं। माना जा रहा है कि अमीरों पर लगाए गए टैक्स के चलते ही विदेशी निवेशक अपना पैसा निकाल रहे हैं।