Bengaluru Rameswaram Cafe Blast: राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानि कि एनआईए ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में दो मुख्य संदिग्धों मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मतीन ताहा को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार कर लिया है। 1 मार्च को रामेश्वरम कैफे में हुए विस्फोट के बाद से मुसाविर हुसैन शाजिब फरार था, जबकि तीर्थहल्ली ट्रायल ब्लास्ट मामले में आरोपी अब्दुल मतीन ताहा भी काफी समय से लापता था।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 4 मार्च को ब्रुकफील्ड में रामेश्वरम कैफे में धमाके की जांच को अपने हाथ में लिया। एनआईए ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी। अधिकारियों ने कहा कि दो प्रमुख भगोड़ों, अब्दुल मतीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाजिब का कोलकाता के पास उनके ठिकाने का पता लगाया गया और एनआईए टीम ने उन्हें पकड़ लिया। मुसाविर हुसैन शाजिब वह आरोपी है जिसने कैफे में आईईडी रखा था और अब्दुल मतीन ताहा विस्फोट की प्लानिंग करने और उसे अंजाम देने देने वाला संदिग्ध है।

एनआईए ने मदद पहुंचाने वाले को किया था गिरफ्तार

इससे पहले एनआईए की टीम ने कर्नाटक में 12, तमिलनाडु में 5 और उत्तर प्रदेश में एक जगह सहित कुल 18 जगहों पर छापेमारी की थी। इस दौरान सह-साजिशकर्ता मुजम्मिल शरीफ को पकड़ा गया था। इस पर आरोप था कि यह इन दोनों को मदद दे रहा था। एनआईए की टीम ने 29 मार्च को दोनों मास्टरमांइड पर 10-10 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था। यह दोनों आरोपी शिवमोगा जिले के तीर्थहल्ली इलाके के रहने वाले हैं।

बीजेपी ने ममता बनर्जी को किया टारगेट

इन दोनों संदिग्धों को हिरासत में लेने के बाद से राजनीति भी तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी ने ममता बनर्जी की सरकार पर हमला बोला है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कह कि एनआईए ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट में दो मुख्य संदिग्धों मुसाविर हुसैन शाजिब और साथी अब्दुल मतीन अहमद ताहा को कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया है। दोनों कर्नाटक के शिवमोगा में आईएसआईएस सेल से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी के नेतृत्व में आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन गया है।