PM Modi To Visit Rameswaram: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 अप्रैल को रामनवमी के मौके पर रामेश्वरम में रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी नए पंबन पुल का भी उद्घाटन करेंगे। पंबन पुल अप्रैल 2025 तक चालू हो जाएगा। 2.10 किलोमीटर लंबा यह पुल मुख्य भूमि पर मंडपम और पंबन द्वीप पर रामेश्वरम के बीच रेल संपर्क को बेहतर बनाएगा। इसके अलावा हम अब बात करेंगे कि पीएम मोदी जिस मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाले हैं, उसकी कहानी क्या है।
रामनाथस्वामी मंदिर की कहानी
रामेश्वरम मंदिर को रामनाथस्वामी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत के सबसे फेमस हिंदू मंदिरों में से एक है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर तमिलनाडु के रामेश्वरम द्वीप पर मौजूद है और इसका आध्यात्मिक महत्व भी काफी है। रामेश्वरम मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम ने रावण को हराने के बाद अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए यहां शिव की पूजा की थी। इस मंदिर में सभी हिंदू मंदिरों में दुनिया का सबसे लंबा गलियारा है। खंभों वाला यह गलियारा 1,200 मीटर तक फैला है। इसमें 1,212 नक्काशीदार खंभे हैं।
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इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत तो यह भी है कि इसमें 22 पवित्र कुएं हैं। इनमें से हर एक के पानी का स्वाद अलग है। भक्तों का मानना है कि प्रार्थना करने से पहले इन कुओं में डुबकी लगाने से वे पापों सें मुक्ति पा लेते हैं। इतना ही नहीं और बीमारियां ठीक हो जाती है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भगवान राम ने हनुमान और वानर सेना की मदद से रामेश्वरम से श्रीलंका तक एक पुल बनाया था। रामेश्वरम मंदिर उन मंदिरों में से एक है, जहां पर शैव और वैष्णव एक साथ मौजूद हैं। इसे भगवान शिव और भगवान विष्णु दोनों के भक्तों द्वारा पवित्र माना जाता है।
पीएम मोदी ने रखी थी पुल की आधारशिला
रामनवमी से पहले पीएम नरेंद्र मोदी पड़ोसी देश श्रीलंका जाने वाले हैं। वह करीब दो दिन वहां पर रहेंगे। वहां से लौटने के अगले दिन ही पीएम मोदी पंबन ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। पीएम मोदी ने साल नवंबर 2019 में इसकी आधारशिला रखी थी। लेकिन कोरोना आने के कारण पुल को बनाने के काम में देरी हुई थी। पंबन पुल देश का पहला वर्टिकल सी ब्रिज है। यह पुराने पुल की जगह लेगा। पुराना पुल साल 1914 में बनाया गया था। क्या PM मोदी से मुलाकात कर पाएंगे मोहम्मद यूनुस