बीजेपी के राज्यसभा सांसद रह चुके सुब्रमण्यम स्वामी ने फिर से अपनी ही सरकार और पार्टी को असहज किया है। उनका कहना है कि रामसेतु को सरकार धरोहर घोषित नहीं कर रही है। अगर ये सिलसिला चलता रहा तो 2024 में बीजेपी बुरी तरह से हारेगी। या फिर हिंदुत्ववादी ताकतें मोदी को ही हटाकर बीजेपी को चुनाव में शानदार जीत दिलाएंगी। उनका कहना है कि हिंदुत्ववादी ताकतों को चाहिए कि पीएम मोदी को वो आखिरी अल्टीमेटम दें।
उधर, रामसेतु मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में भी स्वामी के तेवर खासे तल्ख दिखे। रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने को लेकर दायर स्वामी की याचिका पर आज सुनवाई होनी थी। लेकिन केंद्र ने फिर से स्थगन की अपील कर दी। स्वामी ने कोर्ट से कहा कि 8 साल से ये सिलसिला जारी है। हर बार केंद्र कोई न कोई तर्क देकर मामले की सुनवाई को टलवा देता है।
स्वामी ने ये बात तब कही जब इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से 2 सप्ताह का और समय मांगा। सीजेआई चंद्रचूड़ सिंह और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच के समक्ष स्वामी ने कहा था कि केंद्र ने 13 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने को कहा था। लेकिन अभी तक हीलाहवाली ही चल रही है। उनका कहना था कि एक चिट्ठी में कहा गया है कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता आज नहीं आ सकेंगे। उसके बाद केंद्र की तरफ से दो सप्ताह का समय जवाब दाखिल करने के लिए मांगा गया।
केंद्र का कहना था कि जवाब तैयार है। लेकिन संबंधित मंत्रालय की मंजूरी नहीं मिल सकी है। मंजूरी मिलते ही वो कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर देंगे। इसके लिए उन्हें कम से कम दो सप्ताह का समय चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने दलील को स्वीकार करते हुए केंद्र को चार सप्ताह का समय दे दिया। हालांकि केंद्र की दलील का स्वामी ने पुरजोर विरोध किया। लेकिन सीजेआई की बेंच ने उनकी नहीं सुनी और केंद्र को चार सप्ताह की मोहलत प्रदान कर दी गई।