अयोध्या में होने जा रहे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर केंद्र सरकार के जरिए संचालित होने वाले चार अस्पतालों में आधे दिन का अवकाश रहेगा। प्राण प्रतिष्ठा के दिन यानी कल दोपहर 2.30 बजे एम्स दिल्ली, सफदरजंग अस्पताल, राम मनोहर लोहिया और लेडी हार्डिंग अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं दोपहर 2.30 बजे के बाद शुरू होंगी।

अस्पतालों में आधे दिन के अवकाश के इस फैसले पर विपक्षी दल के नेताओं ने सवाल उठाए हैं और सोशल मीडिया पर लिखा जा रहा है कि ऐसा करने से मरीजों को काफी तकलीफ का सामना करना पड़ सकता है।

नोटिस में क्या है?

दिल्ली में मौजूद इन चार अस्पतालों में काफी भीड़ रहती है। ऐसे में जब आधे दिन के अवकाश की घोषणा की गई तो सोशल मीडिया पर यह मामला काफी चर्चा में आ गया। दरअसल एम्स दिल्ली की तरफ से जारी किए गए ऑफिशियल नोटिस में कहा गया है कि अस्पताल के सभी कर्मचारियों 22 जनवरी को आधे दिन का अवकाश मिलेगा। नोटिस में रूटीन सर्विस और लैब सर्विस के बंद होने की जानकारी दी गई है। इस ही तरह का नोटिस दूसरे अस्पतालों की ओर भी लाया गया है।

इस मामले को लेकर शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और लिखा,”हैलो, इंसानों…22 तारीख को किसी मेडिकल इमरजेंसी की हालत में ना जाएं और अगर आपको इमरजेंसी है तो इसे दोपहर 2 बजे के बाद शेड्यूल करें, क्योंकि एम्स दिल्ली मर्यादा पुरुषोत्तम राम के स्वागत के लिए समय निकाल रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे हैरानी है कि भगवान राम इस बात से सहमत होते कि उनके स्वागत के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा आए. हे राम, हे राम!’।

टीएमसी नेता साकेत गोखले ने भी बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया,”भारत का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल एम्स सोमवार को दोपहर 2.30 बजे तक बंद रहेगा. लोग दिल्ली एम्स के बाहर गेट पर सो रहे हैं, ताकि उन्हें जल्दी अप्वाइंटमेंट मिल जाए. गरीब और मरने वाले लोग इंतजार कर सकते हैं क्योंकि कैमरे और पीआर के लिए मोदी की हताशा को प्राथमिकता दी गई है।”