अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होने जा रहा है, 22 जनवरी को लेकर सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यूपी के ही अलग-अलग इलाकों में माहौल बदलता दिख रहा है। कहीं पर अगर जरूरत से ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है तो कुछ संवेदनशील इलाकों में तनाव की स्थिति भी पैदा हो गई है। पश्चिमी यूपी में मुस्लिम आबादी है, जाट वोटर है और सवर्ण जाति की भी बड़ी संख्या है।
ये जातिगत समीकरण ही राम मंदिर को लेकर वेस्ट यूपी में अलग ही माहौल बना रहा है। एक तरफ हिंदू वर्ग में जबरदस्त खुशी की लहर है तो वहीं मुस्लिमों के मन में एक अजीब सा तनाव भी। सड़क पर बनी दुकानों पर जब चर्चाओं को ध्यान से सुना जा रहा है तो उनमें मोदी की तारीफ से लेकर हमे फर्क नहीं पड़ता जैसे बयान हावी दिख रहे हैं। कुछ दुकानदार तो यहां तक कह रहे हैं कि मोदी ने मुस्लिमों को उनकी जगह दिखा दी है। सवाल पूछे जा रहे हैं कि क्या शाहरुख, सलमा और आमिर ने मंदिर के लिए चंदा दिया या नहीं।
पश्चिमी यूपी में जब और ज्यादा घूमा गया तो हिंदू बलिदान जैसे बयान भी सामने आ गए। एक शख्स ने बोला कि तीन दशक बाद हिंदुओं के बलिदान का फल मिल रहा है। अब ये बयान तो एक वर्ग के थे, जब युवाओं के बीच मिजाज समझने का प्रयास हुआ तो अस्पताल और शिक्षा जैसे मुद्दे भी चर्चा में आए। मेरठ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की एक छात्रा ने कहा कि मैं राजनीति में दिलचस्पी नहीं रखती हूं। बन रहा है, ठीक है, लेकिन ज्यादा ध्यान शिक्षा और हेल्थकेयर पर देना चाहिए। एक भी अच्छा सरकारी अस्पताल नहीं है जहां जाया जा सके। जमीन बेचकर अपनों का इलाज करवाना पड़ रहा है।
अब पश्चिमी यूपी के अलग-अलग इलाकों से ऐसी ही आवाजें सुनने को मिल रही हैं। मंदिर को लेकर सकारात्मक माहौल भी है तो कुछ इलाकों में तनाव की स्थिति भी बनती दिख रही है। कुछ जगहों पर सीएम योगी की तारीफ हो रही है, तो कुछ लोग उनकी हिंदूवादी राजनीति को घेर भी रहे हैं।