भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसानों की लड़ाई अभी खत्म नहीं होगी। ये लड़ाई लम्बी चलेगी। दिल्ली को कई लाख लोगों ने घेर रखा है। यूं ही ये खत्म नहीं होने वाला है। इस आंदोलन को हमें शहर-शहर में लेकर जाना पड़ेगा। जब तक ये तीन कानून वापस नहीं होंने तब तक ये आंदोलन चलता रहेगा।
हाल ही में राकेश टिकैत ने मांग की थी कि आंदोलन कर रहे किसानों को भी सरकार वैक्सीन लगाए। गुरुवार को उन्होने कहा था कि आंदोलन स्थलों पर सरकार को टीकाकरण केंद्र खोलने चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों के द्वारा सामाजिक दूरी का ध्यान रखा जा रहा है। लेकिन उन्होंने कहा कि हम कोविड के डर से आंदोलन खत्म करने वाले नहीं हैं। जब तक कानून वापस नहीं लिया जाएगा आंदोलन चलता रहेगा। साथ ही उन्होने कहा था कि कोरोना के कारण आंदोलन खत्म नहीं होने देंगे। टेंटों को और बड़ा बना लेंगे। आंदोलन चलता रहेगा।
‘कंपनियों के गोदामों को ध्वस्त कर दिया जाएगा’: कुछ ही दिन पहले राजस्थान के श्रीगंगानगर में टिकैत ने चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि तीन कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो आदोलन की अगली कार्रवाई के तहत कुछ निजी कंपनियों को गोदामों को ध्वस्त कर दिया जाएगा।
बताते चलें कि किसान नेताओं की तरफ से सरकार पर दबाव बनाने के लिए हाल के दिनों में चुनावी राज्यों में भी सभा की गयी थी। राकेश टिकैत ने भी बंगाल में सभा कर लोगों से बीजेपी को वोट न देने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि देश में किसी भी राजनीतिक दल की सरकार नहीं है ये सरकार कंपनियों की सरकार है।
किसानों का आंदोलन जारी है: तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। पिछले लगभग 110 से अधिक दिनों से किसान दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। सरकार के साथ 11 दौर की वार्ता के बाद भी दोनों पक्ष के बीच कोई फैसला नहीं हो पाया। जिसके बाद से सरकार और किसानों के बीच डेडलॉक जारी है। दोनों ही पक्षों के बीच अंतिम बार वार्ता 22 जनवरी को हुई थी।