कृषि कानून को लेकर किसान संगठन पिछले छह महीने से भी ज्यादा समय से प्रदर्शन में जुटे हैं। हालांकि, केंद्र सरकार का साफ कहना है कि वह किसान नेताओं से आगे जब भी बात करेगी, तो सिर्फ कानून के प्रावधानों पर चर्चा होगी। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने खुद कहा कि सरकार कानून वापसी पर बात करने पर बात नहीं करेगी। इस बीच भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने सीधे भाजपा को चेतावनी दे दी है। टिकैत ने कहा है अगर ये सरकार कानून वापसी नहीं करेगी, तो 2024 के चुनाव के बाद जो अगली सरकार आएगी वह इन्हें वापस लेगी।
यूपी चुनाव पर क्या बोले टिकैत?: राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक कानून वापसी नहीं होगी, तब तक हमारी घर वापसी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि यह आंदोलन 2024 तक चलेगा। यह कानून भारत सरकार ही वापस लेगी। ये सरकार नहीं लेगी तो अगली आने वाली सरकार ले लेगी। टिकैत ने आगे कहा, “देश का किसान और जनता उसी काम में लग गई है। इनको निपटाना है, इनको यहां से भगाना है। या फिर ये कानून वापस ले लें।”
यूपी चुनाव में भाजपा के खिलाफ प्रचार करेंगे: अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश चुनाव पर टिकैत ने कहा- ये उत्तर प्रदेश के चुनाव में भी निपटेंगे ये। जैसे ये जिला पंचायत चुनाव में निपटे हैं, वैसे ही निपटेंगे। अब आमने-सामने की होगी, अब बीच-बचाव कुछ नहीं है। या तो ये किसान और जनता रहेगी या ये सरकार रहेगी। अब देखते हैं इनमें कितना दम है। इन्हें चलाने दो जो भी लाठी-गोली चलानी होगी। या तो कानून वापस होंगे या आंदोलन पूरे देश में होगा।
टिकैत ने कहा, यूपी विधानसभा चुनाव में हम खिलाफ प्रचार करेंगे। जनता से अपील करेंगे कि इन्हें वोट न दे। उनके बीच में जाएंगे। हमारा गन्ने का भुगतान बकाया है। पूरे देश में यहां सबसे ज्यादा बिजली महंगी है। किसानों को यहां आलू का भुगतान नहीं हुआ है। इनसे अब बगैर डरे लड़ाई होगी। बातचीत से काम चलने वाला है नहीं।
क्या बोले थे नरेंद्र तोमर?: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक दिन पहले ही ट्विटर पर वीडियो डाल कर कहा था- “भारत सरकार किसानों के साथ बातचीत के लिए तैयार है. कानूनों को वापस लेने की मांग को छोड़कर कानून के किसी भी प्रावधान पर यदि कोई भी किसान संगठन बातचीत करना चाहता है तो वह आधी रात को भी बातचीत के लिये तैयार हैं।” इससे पहले तोमर और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल सहित तीन केंद्रीय मंत्रियों ने आंदोलन कर रही किसान यूनियनों के साथ 11 दौर की बातचीत की थी।