उत्तर प्रदेश में ज़िला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में 75 में से 67 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की। जबकि सपा को सिर्फ पांच सीटों से ही संतोष करना पड़ा। बाकी बची सीटें दूसरी पार्टियों के खाते में गई। इसी मुद्दे पर टीवी डिबेट के दौरान जब एंकर ने किसान नेता राकेश टिकैत से पूछा कि आप लोगों से चूक कहां हो गई। तो राकेश टिकैत ने जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी बंदूक के दम पर चुनाव जीती है और इस चुनाव मे विपक्षियों को डराया और धमकाया गया है।

एबीपी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान जब एंकर ने किसान नेता राकेश टिकैत से सवाल पूछते हुए कहा कि रणनीति तो आप लोगों की भी फेल हो गई। पंचायत चुनाव में विपक्ष की ज्यादा सीटें आने के बाद भी ज्यादा अध्यक्ष क्यों नहीं बन पाए। इसपर राकेश टिकैत ने कहा कि बंदूक की ताकत पर चुनाव जीती गई है। अगर पुलिस बंदूक लेकर काम करेगी तो देश में कुछ भी हो सकता है। टिकैत ने यह भी कहा कि अबकी बार तो बेइंतहा हो गई। ऐसा नहीं होना चाहिए था। बुलडोजर लेकर कैंडिडेट के घर पर पहुंच गए और कहने लगे कि या तो वोट दे दो नहीं तो घर ढहा देंगे।

इस दौरान जब एंकर ने राकेश टिकैत से सवाल पूछा की आप लोगों ने बीजेपी के खिलाफ पंचायत चुनाव में रणनीति तो बनाई होगी। इसपर राकेश टिकैत ने कहा कि हमारी लड़ाई तो भारत सरकार से है ना कि किसी पार्टी से। आप जिसकी बात कर रहे हैं, उनकी तो इस देश में सरकार ही नहीं है। उन्हें तो अपनी पार्टी बचानी है। बीजेपी वालों को तो बहुत काम है। उनके नेता जो घरों में बंद है उन्हें छुड़ाना है। यहां तो मोदी सरकार है और उसको बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियां चला रही है।

राकेश टिकैत के गृहजिला मुज़फ्फरनगर में भी बीजेपी प्रत्याशी की जीत पर किसान नेता ने कहा कि जब अधिकारी पार्टी के एजेंट के रूप में काम करेंगे और कैंडिडेट के परिवार वालों को पकड़ कर रखेंगे तो ऐसा ही होता है। परिवार को गन पॉइंट पर रखकर वोट डलवाया जाता है। टिकैत ने कहा कि पंचायत चुनाव में बीजेपी को सिर्फ 22-25% वोट मिले और करीब 500 के आसपास ही कैंडिडेट जीते लेकिन अध्यक्ष पद पर 90% से ज्यादा सीटों पर जीत मिली। 

बता दें कि दो महीने पहले हुए जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में कुल 3052 सदस्यों में से बीजेपी के सिर्फ 603 सदस्य ही जीते थे जबकि समाजवादी पार्टी के सदस्यों की संख्या 842 थी। सबसे ज्यादा सीटें निर्दलीयों ने जीती थीं। लेकिन इसके बावजूद बीजेपी ने 67 सीटों पर अपना कब्ज़ा जमा लिया। समाजवादी पार्टी ने भाजपा सरकार पर चुनाव में धांधली के आरोप लगाए हैं। समाजवादी पार्टी ने दावा किया कि जिला प्रशासन की मिलीभगत से कई जगहों पर उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को नामांकन तक नहीं करने दिया गया और सदस्यों का अपहरण तक कर लिया गया।