किसान आंदोलन स्थगित होने के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जाकर किसान पंचायत कर रहे हैं और इस दौरान वे किसानों के मुद्दे को लेकर तमाम राजनीतिक दलों को संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं। सिसौली में मासिक पंचायत के दौरान उन्होंने पूछा कि सभी पार्टियां अपने घोषणा पत्र में बताएं कि किसानों के हितों के लिए वे क्या कदम उठाने वाली हैं। वहीं, पुलिस की कार्रवाई को लेकर राकेश टिकैत ने एक बार फिर अपनी नाराजगी जाहिर की है।
पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए टिकैत ने कहा कि थानों में एकतरफा कार्रवाई तुरंत बंद होनी चाहिए, नहीं तो एक और आंदोलन के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि पुलिस की एकतरफा कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राकेश टिकैत ने कहा कि अबकी किसानों का वोट उसी पार्टी को दिया जाएगा जो उनके हित में काम करेगी।
राकेश टिकैत ने कहा, ”खेती को घाटे का सौदा बनाया जा रहा है, ताकि कॉरपोरेट जमीन छीन सके। लेकिन देश का युवा किसान अब जाग चुका है। हम खेती में बेईमानी नहीं करते हैं लेकिन दिल्ली में भाव देनी वाली कलम बेईमान है।” टिकैत ने कहा कि तमाम राजनीतिक दल ये बताएं कि किसानों के लिए वे क्या करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि सभी राज्य सरकारों से किसानों के मुद्दे पर वह बात करेंगे।
383 दिन बाद अपने घर लौटे राकेश टिकैत ने सिसौली में मासिक पंचायत को संबोधित करते हुए कहा, ”मंडियों से प्राप्त आय से किसानों को सुविधाएं मिले, किसानों को गन्ने का भुगतान किया जाए। कॉरपोरेट को टक्कर देने के लिये किसानों के उत्पादों का उपयोग किया जाना चाहिए।” वहीं, उन्होंने किसानों से नशा मुक्ति जैसे आंदोलन चलाने की बात भी कही।
चुनावी राज्य में खासे सक्रिय दिखाई दे रहे राकेश टिकैत ने फिलहाल, चुनाव लड़ने से इनकार किया है। टिकैत ने पिछले दिनों कहा था कि उनका चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है। साथ ही उन्होंने राजनीतिक होर्डिंग्स पर अपनी तस्वीरों का इस्तेमाल करने पर लोगों को चेतावनी भी दी थी।