सीबीआई के नंबर 2 अधिकारी राकेश अस्थाना के घूस केस में फंसने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं। सीबीआई डॉयरेक्टर आलोक वर्मा को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि इससे सरकार की छवी खराब न हो। रविवार (21 अक्टूबर) की शाम वर्मा ने एजेंसी द्वारा अस्थाना के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के बारे में पीएम मोदी को जानकारी दी। वहीं, सोमवार को सीबीआई ने अपने डीएसपी देवेंद्र कुमार को उसी केस में गिरफ्तार किया। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, इन सब के बीच सोमवार को अस्थाना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा था, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया। इसके बावजूद वे पीएमओ पहुंचे और कुछ अधिकारियों से मुलाकात की। लेकिन यह कंफर्म नहीं हो पाया कि उन्होंने किससे मुलाकात की।

सीबीआई डॉयरेक्टर ने राकेश अस्थाना से जुड़े मामले को लेकर डोवाल को भी पूरी जानकारी दी है। एक अधिकारी ने बताया, “वर्मा ने पीएम मोदी से केस से जुड़ी पूरी जानकारी दी। इसके बाद पीएम ने उन्हें एनएसए से मिलने और पूरी जानकारी देने को कहा।” यह पूछे जाने पर “क्या मुलाकात के दौरान एनएसए या पीएम ने कुछ कहा?”, अधिकारी ने कहा, “दोनों इस मामले में सरकार की छवी को लेकर चिंतित हैं। एनएसए ने डॉयरेक्ट को झूठ कम बोलने को कहा है और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि इससे सरकार की छवि को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे।” अधिकारी ने इस बात से इंकार किया कि प्रधानमंत्री और एनएसए ने इस केस को लेकर किसी तरह का निर्देश दिया है।

इधर घूस मामले में अपने खिलाफ दायर एफआईआर को लेकर सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील दायर की। उन्होंने उच्च न्यायालय से यह निर्देश देने की मांग की कि उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत देते किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। मामले की सुनवाई अब सोमवार (29 अक्टूबर) को होगी। हाईकोर्ट ने कहा, राकेश अस्थाना द्वारा लगाए गए आराेप पर सीबीआई डॉयरेक्टर ने किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी है। इसलिए 29 अक्टूबर को मामले की सुनवाई होगी। तक तक राकेश अस्थाना के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी। हालांकि, आरोपी के मोबाइल फोन, लैपटॉप सहित इलेक्ट्रॉनिक्स रिकाॅर्ड को सुरक्षित रखा जाएगा।”