राज्य सभा चुनाव से पहले राजस्थान में राजनीति गर्मा गई है। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार शाम 7 बजे कांग्रेस विधायक दल कीहोना वाली बैठक शुक्रवार तक के लिए टल गई है। इससे पहले कांग्रेस पार्टी की तरफ से यह विधायक राजधानी के एक रिजॉर्ट में बुलाई गई थी।
इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट अपने गुट के विधायकों के साथ बैठक के लिए रिजॉर्ट पहुंचे थे। हालांकि, वह सीएम अशोक गहलोत के पहुंचने से पहले ही वहां से निकल भी गए। मालूम हो कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस विधायक को खरीदने की कोशिश की जा रही है। इस बीच कांग्रेस ने 123 विधायकों के समर्थन का दावा भी किया है।
मालूम हो कि राजस्थान में 3 सीटों के लिए 19 जून को चुनाव होना है। इस चुनाव में कांग्रेस की तरफ से दो और भाजपा के दो उम्मीदवार मैदान में हैं। एक सीट पर जीत के लिए 51 वोट की जरूरत है। मौजूदा समीकरण के अनुसार दो सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार की जीत पक्की है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आरोप है कि भाजपा की तरफ से कांग्रेस के विधायकों को खरीदने के लिए 35 करोड़ रुपये का ऑफर दिया जा रहा है। दूसरी तरफ विधायकों को खरीदने के सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि कौन किसको खरीदने का ऑफर दे रहा है। राजस्थान में 200 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं। वहीं भाजपा के पास 72 विधायक हैं। 14 निर्दलीय व सीपीएम के दो विधायक हैं। आरएलपी के भी तीन विधायक हैं।राजस्थान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा कि कांग्रेस को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है।
पुनिया ने सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस के विधायकों का ईमान इतना सस्ता है कि बिक जाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यह सरकार अंतर्कलह का शिकार है। इससे पहले विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में शिकायत दर्ज कराई कि राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए कांग्रेस व उसके समर्थक निर्दलीय विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है। जोशी ने इस संबंध में एक पत्र लिखा था।