राज्यसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र में सियासी उठापटक देखने को मिला। शुक्रवार को वोटिंग के बाद सियासी माहौल गर्म रहा और शनिवार को नतीजे घोषित किए गए, जिसमें भाजपा ने सबसे अधिक तीन सीटों पर जीत हासिल की। महा विकास अघाड़ी सरकार का हिस्सा शिवसेना को बड़ा झटका लगा और केवल संजय राउत ही राज्यसभा चुनाव में जीत दर्ज कर सके। वहीं, शिवसेना के एक विधायक सुहास कांदे का वोट अवैध घोषित कर दिया गया, जिसको लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच जुबानी जंग तेज हो गई।
महाराष्ट्र में छह राज्यसभा सीटों के लिए सात उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। वोटिंग के दौरान भाजपा की आपत्ति पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने शिवसेना विधायक सुहास कांदे के वोट को अवैध करार दिया। भाजपा ने नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया था, इस वजह से वोटों की गिनती में भी देरी हुई।
शुक्रवार दोपहर 3.30 बजे खत्म हुई वोटिंग महा विकास अघाड़ी के साथ-साथ भाजपा द्वारा पांच सदस्यों पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाने के बाद रोक दी गई थी और यह मामला चुनाव आयोग के पास पहुंचा था। आयोग ने रिकॉर्डेड फुटेज देखने के बाद, सुहास कांदे का वोट अमान्य करार दिया।
शिवसेना को बड़ा झटका देते हुए भाजपा ने तीन सीटों पर कब्जा कर लिया, जिसमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अनिल बोंडे और धनंजय महाडिक शामिल हैं। शिवसेना ने दो उम्मीदवार उतारे थे लेकिन संजय राउत ही राज्यसभा चुनाव में जीत दर्ज कर सके और संजय पवार को हार का सामना करना पड़ा। वहीं, कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी ने भी जीत दर्ज की, इसके अलावा एनसीपी के नेता प्रफुल्ल पटेल ने भी अपना चुनाव जीता।
नासिक जिले के नंदगांव के विधायक 43 वर्षीय सुहास कांदे राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल के साथ विवाद के दौरान सुर्खियों में आए थे। कांदे ने भुजबल के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। कभी कांदे के खिलाफ कई मामले दर्ज थे और यहां तक कि 2000 के दशक के मध्य में नासिक पुलिस द्वारा उनके खिलाफ कार्यवाही शुरू की गई थी। कांदे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के साथ अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी।
एक समय भुजबल के करीबी के रूप में देखे जाने वाले, कांदे ने बाद में पाला बदल लिया था और शिवसेना में शामिल हो गए। नंदगांव में छगन भुजबल के बेटे पंकज के खिलाफ 2009 के विधानसभा चुनाव में वे उतरे लेकिन उनको सफलता नहीं मिली। हालांकि, 2014 में, उन्होंने पंकज भुजबल को 13,889 मतों से हराकर भुजबल परिवार को झटका दे दिया।
