महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक और राजस्थान की 16 सीटों पर हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि एक समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार की जीत ने इस संख्या को 9 तक पहुंचा दिया। महाराष्ट्र में शिवसेना को भाजपा ने तगड़ा झटका दिया और पार्टी के तीसरे उम्मीदवार ने शिवसेना के संजय पवार को हराकर जीत हासिल की। महाराष्ट्र में शिवसेना महा विकास अघाड़ी गठबंधन का हिस्सा है।
हरियाणा में, भाजपा उम्मीदवार ने जीत हासिल की, जबकि दूसरी सीट भाजपा-जजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा के खाते में गई, जिन्होंने कुलदीप बिश्नोई की क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस के अजय माकन को हराया था। क्रॉस वोटिंग के बाद एआईसीसी ने तत्काल प्रभाव से बिश्नोई को “उनके सभी वर्तमान पार्टी पदों” से निष्कासन की घोषणा कर दी।
वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ वोट करने के बाद बिश्नोई ने कहा कि उन्होंने मतदान करते समय अपनी ‘अंतरात्मा’ की आवाज सुनी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कुछ नेताओं के लिए नियम हैं और कुछ के लिए अपवाद हैं और ये नियम चुनिंदा रूप से लागू होते हैं। बिश्नोई ने कहा, “अनुशासनहीनता को पहले कई बार नजरअंदाज किया गया है। मेरे मामले में, मैंने अपनी अंतरात्मा की सुनी और अपनी नैतिकता के हिसाब से काम किया।”
हरियाणा में जहां दो सीटें दांव पर थीं, एक पर भाजपा उम्मीदवार की राह आसान थी लेकिन दूसरी सीट पर मुकाबला बेहद कांटे का था। इस मुकाबले में अजय माकन की निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा के हाथों हार ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया। कांग्रेस के पास 31 विधायक थे लेकिन कुलदीप बिश्नोई ने क्रॉस वोटिंग कर दी और एक विधायक का वोट अमान्य करार दे दिया गया। इस तरह माकन 29 वोट ही पा सके।
निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को भी 29 वोट मिले। वोटों की अंतिम गणना में, अजय माकन निर्दलीय उम्मीदवार शर्मा से केवल 0.66 वोट के मामूली अंतर से हार गए। माकन की अप्रत्याशित हार के बाद हरियाणा के AICC प्रभारी विवेक बंसल जो माकन के पोलिंग एजेंट भी थे, ने कांग्रेस नेतृत्व को रिपोर्ट सौंपी और बिश्नोई के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की।
इसी तरह, महाराष्ट्र में भाजपा उम्मीदवार धनंजय महाडिक पर्याप्त संख्याबल न होने के बावजूद जीत गए। दरअसल, शिवसेना के आधिकारिक पहले उम्मीदवार संजय राउत को बीजेपी के तीसरे उम्मीदवार से कम वोट मिले।