Rajnath Singh US Visit: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अमेरिका के चार दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने बीते दिन अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच चल रही रक्षा औद्योगिक सहयोग प्रोजेक्ट्स और संभावित क्षेत्रों में डील को लेकर चर्चा की। इस दौरान दोनों के बीच न केवल डिफेंस बल्कि वर्तमान में उभरती भू-राजनीतिक स्थिति और अन्य प्रमुख क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर भी चर्चा हुई। खास बात यह भी है कि इसी दिन अमेरिका के बाइडेन प्रशासन ने अमेरिकी संसद को एक नोटिफिकेश के जरिए 443 करोड़ रुपये की एंटी-सबमरीन वॉरफेयर स्नोब्वॉय और उससे संबंधित इक्विप्मेंट्स भारत को बेचने पर मंजूरी दे दी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जैक सुलविन की यह बैठक पेंटागन में अपने समकक्ष यानी अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से मुलाकात के बाद हुई थी। इस बैठक के बाद रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी किया। इस बयान के अनुसार राजनाथ सिंह ने पिछले साल अपनाए गए भारत-अमेरिका रक्षा औद्योगिक सहयोग रोडमैप में पहचाने गए क्षेत्रों में भारत में सह-विकास और सह-उत्पादन के अवसरों पर ज्यादा फोकस किया।
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डिफेंस साझेदारी को मजबूत करने पर हुई चर्चा
पेंटागन द्वारा जारी एक अन्य बयान में कहा गया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और ऑस्टिन ने स्वतंत्र और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र के समर्थन में संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच प्रमुख डिफेंस साझेदारी को मजबूत करने के प्रयासों पर चर्चा की है। इसमें कहा गया है कि वे रक्षा औद्योगिक सहयोग के लिए अमेरिका-भारत रोडमैप के तहत जेट इंजन, मानव रहित प्लेटफॉर्म, युद्ध सामग्री और ग्राउंड मोबिलिटी सिस्टम सहित प्राथमिकता वाली सह-उत्पादन परियोजनाओं को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए है।
कई डिफेंस कंपनियों से भी हुई मुलाकात
भारत और अमेरिका ने गुरुवार को दो प्रमुख रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे। इनमें एक गैर-बाध्यकारी आपूर्ति व्यवस्था की सुरक्षा (SOS) और संपर्क अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में एक समझौता ज्ञापन था इसका दोनों ही लोगों ने स्वागत किया था। शनिवार को रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि रक्षा मंत्री ने वाशिंगटन डीसी में यूएस इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में अमेरिकी रक्षा उद्योग के वरिष्ठ नेताओं के साथ भी बातचीत की थी। इसमें कई अमेरिकी रक्षा और प्रौद्योगिकी कंपनियों ने भाग लिया।
विदेशी निवेश के लिए तैयार है भारत
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार राजनाथ सिंह ने इस बात पर फोकस किया कि भारत अमेरिकी निवेश और प्रौद्योगिकी सहयोग का स्वागत करता है, और एक कुशल मानव संसाधन आधार, मजबूत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश और व्यापार समर्थक पारिस्थितिकी तंत्र समेत बड़े घरेलू बाजार के साथ मजबूत स्थिति में तैयार है। उन्होंने कहा कि भारत क्षमता निर्माण और स्थायी प्रौद्योगिकी और औद्योगिक साझेदारी के लिए रक्षा के क्षेत्र में अमेरिका के साथ मिलकर काम करने को उत्सुक है, जो उभरती चुनौतियों का समाधान कर सकता है।
ध्यान देने वाली बात यह भी है कि शुक्रवार को ही बाइडेन प्रशासन ने अमेरिकी संसद को भेजे एक नोटिफिकेशन में कहा कि प्रस्तावित बिक्री द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने और एक प्रमुख रक्षा साझेदार, भारत की सुरक्षा में सुधार करने के लिए ही है।
इसमें कहा गया कि भारत के MH-60R हेलीकॉप्टरों की क्षमता को बढ़ाएगी। इसके अलावा ये वर्तमान और भविष्य के खतरों से निपटने की क्षमता में सुधार करने में अहम साबित होगी।