फिल्मी दुनिया का अहम नाम रजनीकांत इन दिनों दो वजहों से काफी चर्चा में है। पहली वजह उनकी फिल्म जेलर जो फिलहाल 500 करोड़ रुपये के आंकड़े के करीब है, दूसरी वजह उनका उत्तर प्रदेश दौरा। रजनीकांत यूपी पहुंचे जहां वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, अखिलेश यादव, राजा भैया से मिले। रजनीकांत राम मंदिर में पूजा करने के लिए अयोध्या भी पहुंचे।
रजनीकांत और योगी की मुलाकात ने खींचा सबका ध्यान
उत्तर प्रदेश में रजनीकांत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और यही सब ज़्यादा चर्चा का विषय बन गया। चर्चा की वजह थी रजनीकांत का योगी के पैर छूना। ये होना था कि सोशल मीडिया पर रिएक्शनस की भरमार हो गई। अलग-अलग तरह की बातें कही गई। कहा गया कि यह राजनीकांत के उन प्रशंसकों के साथ धोखा है जो उन्हें भगवान मानते रहे हैं। कुछ लोगों ने लिखा कि वह तमिलनाड़ू की संस्कृति के ‘विरोधाभास’ माने जाने वाले योगी के सामने राजनीकांत को झुकता देख अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं।
क्या रजनीकांत ने राजनीति की ओर बढ़ा दिए हैं कदम?
लंबे समय से रजनीकांत के राजनीति में एंट्री को लेकर चचाएं होती रही हैं। अब उनके इस दौरे के बाद अटकलें और तेज हो गई हैं। लखनऊ बैठक की तस्वीर सामने आने से ठीक पहले इस बात की चर्चा थी कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और पिनाराई विजयन ने जेलर देखी है।
रजनीकांत-योगी की मुलाकात के बाद तमिल अभिनेता और उभरते राजनेता कमल हसन जो नास्तिक भी हैं, का एक पुराना वीडियो सामने आया, जिसमें वह “कभी किसी के पैर नहीं छूने, यहां तक कि भगवान के भी नहीं” के बारे में बात कर रहे थे। केरल के शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने चुटकी लेते हुए कहा,” जिस तरह से रजनीकांत झुके, वह उनकी पीठ को दो हिस्सों में तोड़ सकता था।”
कुछ लोगों का मानना है कि यूपी सीएम के साथ रजनीकांत का इस तरह मिलना तमिलनाडु में योगी की छवि को उदार बनाने और तमिलनाडु में पहुंच बनाने में मदद करेगा जिससे भाजपा को 2024 में मदद भी मिल सकती है।
इस मुलाकात पर क्या कहते हैं रजनीकांत के करीबी?
जो लोग रजनीकांत को करीब से जानते हैं उनका मानना है कि यह अटकलें और यूपी की मुलाकात को गलत ढंग से लिया गया है। उनके करीबी लोगों का मानना है कि रजनीकांत का स्वभाव ही ऐसा है। खुद राजनिकांत ने भी मुलाकात पर कहा, “एक संन्यासी या योगी भले ही वे मुझसे छोटे हों, यह मेरी प्रथा है कि मैं उनके पैर छूता हूं। मैंने वहां बस इतना ही किया।”
रजनीकांत के मित्र एस शंकर जिन्होंने उस समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जब अभिनेता गंभीरता से राजनीति पर विचार कर रहे थे। वह कहते हैं, “रजनीकांत एक ऐसे इंसान है जो अगर विश्वास रखते हैं तो बच्चे के भी पैरों पर गिर जाते हैं, इसे राजनीति के चश्मे से ना देखा जाए, और जो ऐसा करता है वो परेशान हो सकता है।”