लोकसभा चुनाव के ऐन पहले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का फिर से भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल के तौर पर आ जाना कहीं भाजपा को भारी न पड़ जाए? सवाल बड़ा भी है और मौजू भी। इसकी वजह सिर्फ ओम प्रकाश राजभर का ही एनडीए में शामिल होना भर नहीं है। यदि बात उनकी होती तो उसे नजरअंदाज किया जा सकता था।

बड़ा सवाल यह है कि राजभर की पार्टी के साथ होने से मुख्तार अंसारी बंधु, अपने पुत्र अब्बास अंसारी के साथ सुरक्षित हो जाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि अब्बास अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से विधायक हैं। इस बात की भी पूरी संभावना प्रकट की जा रही है कि लोकसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी को राजभर गाजीपुर या आजमगढ़ से चुनाव मैदान में उतारेंगे।

ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या होगा योगी आदित्यनाथ की उस मुहिम का जो उन्होंने उत्तर प्रदेश के माफिया के खिलाफ छेड़ी थी। यहां गौर करने वाली बात यह है कि जिन माफिया को योगी ने अपने निशाने पर लिया था उनमें मुख्तार अंसारी का नाम प्रमुख है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या गृह मंत्री अमित शाह ने ओम प्रकाश राजभर से मुलाकात करने और उनके सियासी दल के साथ राजनीतिक गठबंधन करने के पहले इन अहम बिन्दुओं पर ध्यान नहीं दिया? या इसके पीछे की वजहें कुछ और सियासी मंतव्य गढ़ती नजर आ रही हैं?

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ भारतीय जनता पार्टी की पुन: सियासी दोस्ती ने उत्तर प्रदेश के सियासी पारे को एकाएक बढा दिया है। सत्ता के गलियारे में इस गठबंधन को ले कर चर्चाओं का बाजार गर्म है। चर्चा इस बात की हो रही है कि लोकसभा चुनाव में मुख्तार और उनके पुत्र अब्बास को लेकर विपक्षी दलों के प्रहार से खुद को भाजपा कैसे बचा पाएगी? चित्रकूट जेल में अब्बास अंसारी के बंद कमरे में अपनी पत्नी से मिलने और रंगे हाथों पकड़े जाने का जवाब भाजपा किस तरह देगी?

लोकसभा चुनाव में मुख्तार और उनके पुत्र अब्बास को लेकर विपक्षी दलों के प्रहार से खुद को भाजपा कैसे बचा पाएगी? चित्रकूट जेल में अब्बास अंसारी के बंद कमरे में अपनी पत्नी से मिलने और रंगे हाथों पकड़े जाने का जवाब भाजपा किस तरह देगी?