राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार से सचिन पायलट को बतौर उप-मुख्यमंत्री पद से हटाने पर कांग्रेस ने उन पर जमकर निशाना साधा। याद दिलाते हुए बताया कि पार्टी ने पायलट को क्या कुछ नहीं दिया।
पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को जयपुर में फेयरमोंट होटल के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “हम बीते 17-18 सालों में सचिन पायलट को कम उम्र में ही अहम पद दिए। यह दुख की बात है कि पायलट और कुछ और अन्य लोग BJP के ‘षडयंत्र का शिकार’ हो गए। पायलट, विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को मंत्री पद से हटाया जाता है।”
उन्होंने आगे कहा- कांग्रेस ने जो राजनीतिक कातक छोटी उम्र में पायलट को दी, वह देश के किसी दूसरे शख्स को नहीं मिली। 2003 में पायलट सियासत में आए। 2004 में पार्टी ने उन्हें सांसद बना दिया, वह तब 26 साल के थे।
बकौल सुरजेवाला, “30 और 32 साल के हुए तो कांग्रेस ने उन्हेंने केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी दी। 36 बरस के हुए, तो राजस्थान सरीखे देश के बड़े सूबे के प्रदेश अध्यक्ष की कमान दे दी और 40 साल की उम्र में प्रदेश का डिप्टी-सीएम बना दिया।”
पार्टी प्रव्क्ता के मुताबिक, इतने कम अंतराल में 16-17 साल में किसी शख्स को प्रोत्साहित करने का एक ही मतलब है कि कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का स्नेह उन्हें मिला हुआ है।
बता दें कि कांग्रेस ने राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले सचिन पायलट एवं दो अन्य मंत्रियों (विश्वेंद्र सिंह को पयर्टन मंत्री और रमेश मीणा को खाद्य आपूर्ति मंत्री) को उनके पदों से हटा दिया है।
पायलट को उपमुख्यमंत्री पद के साथ पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पद से भी हटाया गया है। पायलट की जगह राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा नये प्रदेशाध्यक्ष होंगे। हालांकि, पायलट ने राज्य में राजनीतिक घटनाक्रम पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, ‘‘सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं।’’