मणिपुर की महिलाओं का वीडियो वायरल होने के बाद देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध पर चर्चा शुरू हो गई। दरअसल महिलाओं के खिलाफ देश में अपराध बढ़ता ही जा रहा है। पश्चिम बंगाल, राजस्थान या फिर मणिपुर हो, देश के लगभग हर राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग खुद को डिफेंड कर दूसरे राज्यों के आंकड़े गिना रहे हैं।
इस बीच राजस्थान सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा ने शुक्रवार को महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध को लेकर अपनी ही सरकार को निशाने पर ले लिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ दिन-प्रतिदिन अपराध बढ़ रहा है और हम दूसरे राज्यों पर ध्यान दे रहे हैं। उनके बयान के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
महिलाओं के खिलाफ अपराध में राजस्थान नंबर वन
वहीं अगर आंकड़ों की बात की जाए तो राजेंद्र गुढ़ा की बात सच साबित हो रही है। NCRB के साल 2021 के आंकड़े के अनुसार महिलाओं के खिलाफ देशभर में 30016 रेप के केस दर्ज किए गए थे। इसमें से अकेले राजस्थान में 6337 मामले दर्ज किए गए थे। जबकि मध्यप्रदेश में 2947, उत्तर प्रदेश में 2845 और महाराष्ट्र में 2496 मामले दर्ज किए गए थे।
एनसीआरबी के आंकड़ों में बताया गया कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में परिवार की क्रूरता के मामले 21 फ़ीसदी, महिलाओं के अपमान के मामले 20 फीसदी, अपहरण के मामले 17 फीसदी, जबकि रेप के 7 फीसदी मामले दर्ज किए गए थे।
राजेंद्र गुढ़ा ने सीएम गहलोत पर साधा निशाना
राजेंद्र गुढ़ा ने कहा था कि वह विधानसभा में सीएम अशोक गहलोत से जवाब मांगेंगे और जब तक उनकी सांस चलेगी तब तक वह बोलते रहेंगे, भले ही उन्हें जेल में क्यों ना डाल दिया जाए। राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पैरों में पट्टी बांधकर बैठे हुए हैं और वह मुख्यमंत्री हाउस में भी नहीं आते और ना ही कोई जवाब देते हैं। राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि यदि गृह विभाग किसी काबिल व्यक्ति के पास होता तो राजस्थान में अपराध कम होता।