राजस्थान के नाथद्वारा में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि विपक्ष का सम्मान किया जाना चाहिए। बिना विपक्ष के सत्तारूढ़ पक्ष का कोई अर्थ नहीं है। इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि नकारात्मक सोच से विकास नहीं होता है। बोले- ‘नकारात्मकता से भरे लोगों में कोई दूरदर्शिता नहीं होती और न ही वे अपने राजनीतिक हित से परे सोच सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता नहीं दी थी, इसकी वजह से देश को काफी नुकसान उठाना पड़ा।

समारोह में मोदी के साथ, राज्यपाल कलराज मिश्र, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, राजसमंद के नाथद्वारा से विधायक और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, राजसमंद की सांसद दीया कुमारी और मंच पर मौजूद अन्य लोगों के साथ, गहलोत ने कहा, “यह लोकतंत्र की खासियत है कि सभी एक मंच पर बैठे हैं, चाहे कांग्रेस हो या भाजपा। ऐसे मौके कम होते हैं। लोकतंत्र में कोई दुश्मनी नहीं होती; सिर्फ विचारधारा की लड़ाई है। हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है और मेरा मानना है कि देश में वह परंपरा ऐसी होनी चाहिए, जिसमें सभी जातियों और धर्मों में प्रेम हो, भाईचारा हो।

पीएम मोदी ने नाथद्वारा में 5,500 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पित किया। मोदी का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा, ”आपने एक बार बयान दिया था… मॉब लिंचिंग हुई थी। आपने बयान दिया था कि ये असामाजिक तत्व हैं. यही हम सबकी भावना होनी चाहिए। देश को एक रहना चाहिए…इंदिरा गांधी-जी शहीद हुईं लेकिन खालिस्तान नहीं बनने दिया, राजीव गांधी भी शहीद हो गए। हमारा इतिहास कहता है कि अगर हम सब साथ चलेंगे तो यह देश एक रहेगा और एक रहेगा।”

उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि किसी भी राज्य में तनाव या हिंसा का कोई फायदा नहीं है। यह केवल विकास में बाधा डालता है, चाहे वह परिवार, गांव, राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर हो। मुझे आशा है कि आपका संदेश हमेशा देश को एकजुट रखेगा … बिना विपक्ष के, पक्ष (सत्तारूढ़ पार्टी) क्या है। विपक्ष का पूरा सम्मान किया जाना चाहिए। मुझे विश्वास है कि जब आप इस दिशा में आगे बढ़ेंगे तो पक्ष-विपक्ष और भी मजबूती से देश की सेवा करेंगे।”

इससे पहले, जब गहलोत अपने संबोधन के लिए मंच पर पहुंचे, तो भीड़ ने “मोदी, मोदी” के नारे लगाने शुरू कर दिए, प्रधानमंत्री ने भीड़ को बैठने का इशारा किया। जब भीड़ नहीं रुकी तो मोदी ने भाजपा नेता सीपी जोशी की ओर इशारा किया, जो अपनी कुर्सी से उठे और भीड़ को शांत होने का इशारा किया। अपने संबोधन की शुरुआत में, मोदी ने गहलोत को “मेरे दोस्त” कहकर संबोधित किया।

अपनी सरकार की विकास योजनाओं का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि कुछ लोग ”ऐसी विकृत विचारधारा के शिकार हैं और इतनी नकारात्मकता से भरे हुए हैं कि वे देश में कुछ भी अच्छा होता नहीं देखना चाहते।” उन्हें सिर्फ विवाद पैदा करना पसंद है। आपने कुछ लोगों को उपदेश देते सुना होगा, ‘आटा पहले या डेटा पहले’, सड़क पहले या उपग्रह पहले। लेकिन इतिहास गवाह है कि स्थायी और त्वरित विकास के लिए बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ आधुनिक इंफ्रा का निर्माण महत्वपूर्ण है। हर चीज को वोट के तराजू पर तोलने वाले लोग देश के भविष्य को ध्यान में रखते हुए योजनाएं नहीं बना सकते। .

उन्होंने कहा कि “यदि पर्याप्त मेडिकल कॉलेजों का निर्माण पहले किया गया होता, तो डॉक्टरों की कोई कमी नहीं होती” और यह बात रेलवे और पेयजल योजनाओं के लिए भी सही थी।