राजनीतिक गलियारों में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अशोक गहलोत कांग्रेस के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। वजह ये है कि वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पद छोड़ने के अपने रूख पर कायम हैं। जी न्यूज ने सूत्रों के हवाले से लिखी एक रिपोर्ट में बताया है कि पार्टी की दिल्ली इकाई का कहना है कि कांग्रेस का एक बड़ा हिस्सा राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर गहलोत को मौका देने के पक्ष में है। दूसरी ओर यह भी संभावना जताई जा रही है कि अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं।

पार्टी के नेताओं ने तर्क दिया है कि कई पार्टी के प्रमुख मुख्यमंत्री के रूप में भी काम करते रहे हैं। इनमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती, तमितनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता का नाम शामिल है। पार्टी नेताओं ने उपरोक्त नामों को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा कि जब ये लोग पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री दोनों पद पर एक साथ रह सकते हैं तो फिर अशोक गहलोत भी ऐसा कर सकते हैं।

सूत्रों का कहना है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ गांधी परिवार भी अशोक गहलोत को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के पक्ष में है। दरअसल, लोकसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद वर्तमान अध्यक्ष ने कहा कि अब वे अपने पद पर नहीं बने रहना चाहते हैं। राहुल गांधी ने हार की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए पद छोड़ने की इच्छा जताई थी। हालांकि, पार्टी नेताओं द्वारा समझाए जाने पर वे अभी पद पर बने हुए हैं लेकिन अपने रूख पर कायम हैं।

लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने चुनाव लड़ा। इस चुनाव में पिछले 2014 की तुलना से आठ अधिक मात्र 52 सीट मिले। वहीं, एनडीए ने पूरे देश की 352 सीटों पर कब्जा किया। अकेले भाजपा के खाते में 303 सीट आए। सबसे करारी हार उत्तर प्रदेश में हुई। यहां राहुल गांधी अपनी अमेठी की सीट भी नहीं बचा सकें और उन्हें स्मृति ईरानी से हार का सामना करना पड़ा।