केंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली से सटी सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। सरकार और किसान नेताओं ने बीच कई दौर की वार्ता के बाद भी अबतक कोई समाधान नहीं निकला है। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) की एक सांसद ने इस आंदोलन को लेकर विवादित बयान दिया है। राजस्थान के दौसा से बीजेपी की सांसद जसकौर मीणा ने क़ानूनों का विरोध कर रहे किसानों की तुलना खालिस्तानियों से की है।

दौसा सांसद जसकौर मीणा अपने बयान में बार-बार किसानों को ‘आतंकी’ बता रही हैं। मीणा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युगपुरुष हैं, जो देश को बदलना चाहते हैं और कृषि कानून इसी ओर का एक कदम है। मीणा ने आगे कहा कि किसान आंदोलन में आतंकी एके-47 लेकर बैठे हैं, जो वहां बैठे हैं वो खालिस्तानी हैं। हालांकि मीणा के इस बयान पर भाजपा ने यह कहकर इस मुद्दे को सही ठहराने की कोशिश की कि उसका इरादा किसानों को आतंकी कहने का नहीं था।

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने बुधवार को एक वीडियो साझा किया जिसमें मीणा यह कहते हुए नजर आ रही हैं। वीडियो में मीना कह रही है “अब ये कृषि कानून का ही देख लीजिये कि आतंकवादी बैठे हुए हैं, और आतंकवादियों ने एके-47 राखी हुई है, खलिस्तान का झंडा लगाए हुए हैं।”

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा ” राजस्थान के लोग जसकौर मीणा जी जैसे लोगों को चुनने में शर्म महसूस कर रहे हैं, जो एक सांसद के रूप में ऐसी घृणित मानसिकता रखते हैं। इन्हें और मदन दिलावर जी जैसे विधायकों को भविष्य के साथ-साथ इतिहास ने उन्हें माफ नहीं करेगा।”

भाजपा विधायक और प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि मीणा का इरादा किसानों को आतंकवादी नहीं कहना था। शर्मा ने कहा “जसकौर जी का इरादा किसानों को आतंकवादी नहीं कहना था। उसके कहने का मतलब यह था कि कुछ लोग जो खालिस्तान की मांग कर रहे हैं या खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं और खालिस्तान के झंडे लहरा रहे हैं, किसानों के विरोध प्रदर्शन के अंदर घुसपैठ कर चुके हैं। उसका इरादा किसानों को आतंकवादी नहीं कहना था।”

बीजेपी प्रवक्ता ने आगे कहा कि अगर कांग्रेस वास्तव में किसानों की शुभचिंतक होती, तो इससे राजस्थान के उन 7 लाख किसानों को राहत मिल जाती जो कर्जदार हैं और उन्हें कर्ज नहीं मिल रहा है। कांग्रेस को चिंता होती तो उन्होने हमारी सरकार द्वारा शुरू की गई सब्सिडी को फिर से लागू कर दिया होता।