राजस्थान की कांग्रेस सरकार में सबकुछ सही नहीं चल रहा है। सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच काफी समय से तनातनी चल रही है लेकिन अब उस तनातनी में गंभीर मतभेद का रुप ले लिया है। दरअसल राजस्थान पुलिस की एसओजी टीम ने दो लोगों को सरकार गिराने की कोशिशों के तहत गिरफ्तार किया है। अब चौंकाने वाली बात ये सामने आयी है कि राजस्थान पुलिस ने इस मामले में पूछताछ के लिए डिप्टी सीएम सचिन पायलट को भी नोटिस जारी किया है।

बताया जा रहा है कि इस नोटिस के मिलने के बाद सचिन पायलट काफी नाराज हो गए हैं। माना जा रहा है कि इसी नाराजगी के चलते वह शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान से मिलने पहुंचे हैं। हालांकि बताया जा रहा है कि अभी तक पार्टी आलाकमान ने सचिन पायलट को मिलने का वक्त नहीं दिया है। बता दें कि राजस्थान पुलिस के एसओजी ने विधायकों की खरीद फरोख्त की कोशिश में जुटे दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों के फोन पुलिस ने सर्विलांस पर रखा हुआ था। इस दौरान एक रिकॉर्डिंग में खुलासा हुआ कि ये लोग सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं। जिसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में पायलट को भी नोटिस जारी किया गया है

ऐसी खबरें आ रही हैं कि सचिन पायलट सरकार में अपने उपेक्षा से नाराज चल रहे हैं। बीते माह ही सचिन पायलट ने इस संबंध में पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से शिकायत भी की थी। गौरतलब है कि सचिन पायलट के साथ ही पार्टी के 16 विधायक भी दिल्ली गुरुग्राम पहुंचे हुए हैं और पार्टी आलाकमान से मिलने की कोशिशों में जुटे हैं। राजस्थान सरकार में तनातनी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शनिवार को सीएम ने कैबिनेट मीटिंग बुलायी लेकिन डिप्टी सीएम सचिन पायलट उस बैठक में शामिल नहीं हुए।

सीएम अशोक गहलोत ने आरोप लगाया है कि भाजपा विधायकों की खरीद-फरोख्त कर उनकी सरकार को गिराने का प्रयास कर रही है। सीएम के अनुसार, भाजपा ने विधायकों को 15 करोड़ रुपए का ऑफर दिया है। अशोक गहलोत ने ये भी कहा कि लोग भाजपा के अहंकार का जवाब देंगे।

राजस्थान से पहले मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही घटनाक्रम देखा गया था, जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया कमलनाथ सरकार मे ं अपनी उपेक्षा से नाराज चल रहे थे। पार्टी आलाकमान ने भी सिंधिया की नाराजगी की तरफ ध्यान नहीं दिया और उसका असर ये हुआ कि सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। जिसके चलते सिंधिया समर्थक विधायकों ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके चलते कमलनाथ सरकार गिर गई। हालात देखकर लग रहा है कि यदि कांग्रेस आलाकमान ने ध्यान नहीं दिया तो सचिन पायलट भी सिंधिया की राह पर जा सकते हैं!