कोटा स्थित जे के लोन मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में दिसंबर के महीन में अबतक 91 शिशुओं की मौत हुई है। इस घटना पर विपक्ष गहलोत सरकार पर लगातार हमलावर है। वहीं सरकार प्रतिपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगा रही है। विवाद के बीच भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मामले की जांच के लिए चार सांसदों की एक समिति बनाई है। इस पैनल में लोकसभा सदस्य जसकौर मीणा, लॉकेट चटर्जी और भारती पवार तथा राज्यसभा सदस्य कांता कर्दम शामिल हैं।
कोटा से सांसद एवं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शिशुओं की मौत पर रविवार को चिंता व्यक्त की थी और राज्य सरकार से इस मामले में संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करने की अपील की थी।
राजस्थान के मुख्मयंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले की जांच के लिए चिकित्सकों एवं संबंधित विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है और समिति से जल्द से जल्द रिपोर्ट दायर को कहा गया है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
हालांकि सरकार अस्पताल अधीक्षक एचएल मीणा को देखरेख में कमी बरतने के आरोप में पहले ही पद से हटा चुकी है। इस पर हंगामा होने के बाद जांच की मांग उठने लगी है। सरकार ने मामले में सक्रियता दिखाते हुए जांच शुरू करा दी है। हालांकि प्रशासन ने डॉक्टरों की तरफ से किसी भी तरह की लापरवाही से इनकार किया है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया से बात करते हुए कई बच्चों की मौत को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा था। जावड़ेकर ने कहा कि हफ्तेभर में कोटा में 77 बच्चों की मौत हो चुकी है। शुक्रवार को ही कोटा के सांसद लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने इस पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा कि कोटा के एक मातृ एवं शिशु अस्पताल में 48 घंटे में 10 नवजात शिशुओं की मौत चिंता का विषय है।
(भाषा इनपुट्स के साथ)