महेश केजरीवाल
इस प्रकार के रेल हादसे जैसी बड़ी घटना की पुनरावृति दोबारा न हो इसके लिए रेल मंत्रालय ने सभी ‘रेल जोन’ में सुरक्षा और संरक्षा पर अधिक जोर देने की बात कही है।सूत्रों के अनुसार मंगलवार को हादसे से सबक लेते हुए मंत्रालय ने रेलवे नेटवर्क में ‘सिग्नल’ सुविधा तथा दूरसंचार पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ सुरक्षा अभ्यास नियमित करने की बात कही गई। रेलवे के सभी 19 ‘जोन’ में एक सप्ताह तक सघन सुरक्षा अभियान चलाया जाएगा।

एनएफआइआर (नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवे मैन) के महासचिव एम राघवैया ने बताया कि पिछले तीन साल के दौरान देश में 19 हजार किलोमीटर पटरी बिछाई गई लेकिन इसके लिए अलग कर्मचारी नियुक्त नहीं हुए। रेल मंत्रालय ने साल 2010 में सिग्नल शाखा में कर्मचारियों के लिए ‘यार्ड स्टिक’ निधारित की गई लेकिन इसके बाद इसमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ।

रेलवे सूत्रों के अनुसार रेल हादसे में ‘इंटरलाकिंग सिस्टम’ में छेड़छाड़ के संदेह के बाद ही रेलवे ने स्टेशन की सीमा के भीतर ‘हाउसिंग सिग्नल प्रणाली’ की जांच करने बात कही है। स्टेशनों के सभी संचार कमरों (रिले रूम) की भी समुचित तरीके से परीक्षण करने और ‘सिग्नल सिस्टम’ की ‘डबल लाकिंग’ व्यवस्था की नियमित रूप से देखरेख करने को कहा गया है।

उल्लेखनीय है कि ‘रिले रूम’ से ‘सिग्नल सिस्टम’ को संचालित किया जाता है। रेल अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में रेल यातायात एवं पटरियों से संबंधित सभी तरह की कमियों, जटिलताओं एवं अनियमितताओं की पड़ताल के बाद नियमित रूप से रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।