बजट में सरकार ने अगले तीन सालों में 400 नई जेनरेशन की वंदे भारत ट्रेनें चलाने की घोषणा की है। मंगलवार को संसद में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये ऐलान किया है।

बजट भाषण पढ़ते हुए वित्त मंत्री ने कहा- “अगले 3 वर्षों के दौरान बेहतर दक्षता वाली 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनें लाई जाएंगीं। अगले 3 वर्षों के दौरान 100 PM गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे और मेट्रो सिस्टम के निर्माण के लिए नवीन तरीकों का कार्यान्वयन होगा”।

अपने बजट भाषण में, सीतारमण ने कहा कि एक उत्पाद एक रेलवे स्टेशन को लोकप्रिय बनाया जाएगा। इसके साथ ही सुरक्षा और क्षमता वृद्धि के लिए 2,000 किलोमीटर रेल नेटवर्क को स्वदेशी विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी ‘कवच’ ​के तहत लाया जाएगा। साथ ही 400 नई वंदे भारत ट्रेनें शुरू की जाएंगी। वंदे भारत एक्सप्रेस को ट्रेन-18 के रूप में भी जाना जाता है।

वित्त मंत्री सीतारमण ने अपने भाषण में यह भी स्पष्ट कर दिया कि यह बजट ढांचागत सुधारों पर केंद्रित है। भारत के बुनियादी ढांचे के विकास के नए ब्लूप्रिंट के हिस्से के रूप में, सीतारमण ने पीएम गति शक्ति मास्टरप्लान की घोषणा की। जिसमें सड़क, रेलवे, राजमार्ग, बंदरगाहों और सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सरकारी खर्च होगा। सीतारमण ने कहा कि देश में राजमार्गों का लगभग 25,000 किलोमीटर का विस्तार होगा।

बता दें कि भारत सरकार की मेक इन इंडिया की पहल के तहत इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) ने वंदे भारत ट्रेन को डिजाइन करने के साथ-साथ इसका निर्माण भी किया है। अब तक सरकार ने दो वंदे भारत ट्रेनें शुरू की हैं। एक वर्तमान में दिल्ली और वाराणसी के बीच चलाई जा रही है। तो वहीं दूसरी दिल्ली और कटरा के बीच चल रही है।

पिछले साल, वित्त मंत्री सीतारमण ने भारतीय रेलवे के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये के बड़े फंड की घोषणा की थी। इसमें से 1.07 लाख करोड़ रुपये भारतीय रेलवे के लिए पूंजीगत व्यय के लिए था। कुछ विशेषज्ञों ने इस साल के आवंटन में 10-12 लाख करोड़ रुपये का अनुमान लगाया है।