कागज पर प्रिंट होने वाले रेलवे टिकटों का दौर बहुत जल्द खत्म हो सकता है। रेल मंत्रालय एक ऐसे ही प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। काउंटर पर बुकिंग के दौरान एसएमएस को वैध टिकटों के तौर दिए जाने के प्रस्ताव पर विचार किया जाना है। अभी तक सिर्फ ऑनलाइन टिकट बुकिंग करने पर एसएमएस टिकट की सुविधा है। रेल मिनिस्ट्री का वाणिज्य निदेशालय इसके लिए प्रीमियम एसएमएस सर्विसेज की खरीद पर विचार कर रहा है। प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के बाद देश भर में स्थित रिजर्वेशन काउंटरों पर जैसे ही टिकट बुक होगा, कस्टमर को तुरंत एसएमएस टिकट मिल जाएगा। बता दें कि हर रोज करीब 11 लाख टिकट बेचे जाते हैं, इनमें से छह लाख पेपर टिकट होते हैं।
1200 टन कागज की होगी बचत
अधिकारियों का कहना है कि इस योजना के तहत पुराने पड़ चुके हजारों प्रिटरों को धीरे धीरे हटाया जाना है। इसके बाद, पैसेंजर कोचों में लगने वाले चार्ट्स को भी हटाया जाएगा। अधिकारियों का अनुमान है कि पेपर टिकट और चार्ट न प्रिंट करने से करीब 1200 टन कागज की बचत होगी। इसके अलावा, सरकार के सफाई से जुड़े अभियान को भी बढ़ावा मिलेगा। रेलवे ने हाल ही में कैंसल कराए जाने वाले टिकटों को प्रिंट करना बंद कर दिया है। इससे सालाना 70 लाख रुपए की बचत होती है। इसके अलावा, रिजर्वेशन चार्ट न प्रिंट करने का पायलट प्रोजेक्ट राजधानी और शताब्दी श्रेणी की एक-एक ट्रेन में चलाया जा रहा है।
अगर मोबाइल न हुआ तो
इस योजना पर विचार करते वक्त एक आम सवाल यह उठा कि अगर टिकट खरीदने वाले के पास मोबाइल फोन न हो तो क्या होगा? अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामले में स्पेशल रिक्वेस्ट पर पेपर टिकट दिया जाएगा। एक अधिकारी ने कहा, ”हमारे सर्वे में पता चला है कि बहुत कम ई टिकट वाले यात्री अब प्रिंटआउट लेकर सफर करते हैं। हम एसएमएस की व्यवस्था काउंटरों से बुक होने वाले टिकटों पर लागू करने के बारे में सोच रहे हैं।” अधिकारी के मुताबिक, टिकट बुक कराने के बाद अगर किसी का फोन खो जाता है तो वो प्रूफ दिखाकर डुप्लीकेट टिकट इशू करा सकता है।
500 ट्रेन कोचों में लगेंगे सीसीटीवी कैमरे
महिला पैसेंजरों की सुरक्षा के मद्देनजर रेलवे ने विभिन्न ट्रेनों के पांच सौ कोचों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। लोकसभा में इस बात की जानकारी बुधवार को दी गई। रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।