कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी की सदस्यता बहाल होने के बाद उन्हें उनका पुराना आवास दे दिया गया था। अब खबर आ रही है कि खुद राहुल गांधी 12 तुगलक लेन वाले इस बंगले में शिफ्ट नहीं होना चाहते हैं। इस बारे में उन्होंने हाउसिंग कमिटी को भी पत्र लिखकर अवगत करा दिया है। बता दें कि राहुल गांधी को यह बंगला 19 साल पहले बतौर अमेठी सांसद दिया गया था।
राहुल गांधी को लोकसभा हाउस कमेटी द्वारा 12, तुगलक लेन बंगले के पुन: आवंटन पर जवाब देने के लिए दी गई 15 दिन की अवधि कांग्रेस नेता द्वारा इसे स्वीकार किए बिना बुधवार को समाप्त हो गई। हालांकि पार्टी सूत्रों ने कहा कि आवंटन को पूरी तरह से अस्वीकार नहीं किया गया था लेकिन उन्होंने राहुल के बंगले में वापस नहीं लौटने को उनका मौन विरोध मानने से भी इनकार नहीं किया।
अपने लिए नया घर खोज रहे हैं राहुल गांधी
खबरों के मुताबिक वे इन दिनों घर के लिए कुछ और ऑप्शन भी खोज रहे हैं। राहुल 16 अगस्त को बहन प्रियंका के साथ 7 सफदरजंग लेन देखने गए थे। यह बंगला पहले महाराजा रणजीत सिंह का था। राहुल गांधी की सदस्यता बहाल होने के बाद 8 अगस्त को लोकसभा की हाउसिंग सोसायटी ने उन्हें 12 तुगलक लेन वाला बंगला अलॉट कर दिया है।
लोकसभा सदस्यता निलंबित होने के बाद खाली कराया गया था राहुल से बंगला
दरअसल, मोदी सरनेम केस में गुजरात की अदालत के द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता निलंबित कर दी गई थी और उन्हें उस घर को खाली करने के लिए जिसमें राहुल 2005 से रह रहे थे। सूरत कोर्ट ने 24 मार्च को मानहानि के एक मामले में राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। इस फैसले के बाद लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद की सदस्यता को रद्द कर दिया था और उनका बंगला भी वापस ले लिया गया था।
राहुल ने एक महीने की समय सीमा के भीतर 22 अप्रैल को बंगला खाली कर दिया और अपनी मां सोनिया गांधी के साथ उनके 10, जनपथ स्थित घर में रहने चले गए। घर छोड़ते वक्त राहुल ने कहा था कि उन्हें सच बोलने की सजा दी गई है। वो घर उन्हें भारत के लोगों ने दिया था, बावजूद इसके वे उस घर में वापस नहीं जाना चाहते जो उनसे छीन लिया गया था। जब उनसे बंगला को लेकर सवाल पूछा गया था तो उन्होंने कहा था पूरा हिंदुस्तान ही मेरा घर है।