‘मोदी सरनेम’ वाले बयान से जुड़े आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुजरात के सूरत की सत्र अदालत से भी झटका लगा है। सेशंस कोर्ट ने राहुल गांधी के दोषी करार दिए जाने पर रोक की अर्जी खारिज कर दी है। अब राहुल गांधी इस मामले को आज हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। निचली अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि के मामले में दो साल की सजा सुनाई थी। अगर सेशंस कोर्ट से राहुल गांधी को राहत मिलती तो उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल होने का रास्ता साफ हो सकता था।

कल तक खाली करेंगे बंगला

सेशंस कोर्ट से राहत ना मिलने के बाद अब राहुल गांधी ने बंगले को लेकर भी फैसला बदल लिया है। वह शनिवार तक बंगला पूरी तरह खाली कर देंगे। उन्होंने अपना अधिकांश सामना अपनी मां यानी सोनिया गांधी के बंगले में पहले ही शिफ्ट कर लिया है। बंगले को पूरी तरह से खाली करने के लिए वह सूरत कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे थे। राहुल गांधी को 27 मार्च को बंगला खाली करने का नोटिस मिला था। लोकसभा हाउसिंग पैनल द्वारा राहुल गांधी के लिए घर खाली करने की समय सीमा रविवार तक के लिए निर्धारित की गई है। राहुल गांधी को यह बंगला 2005 में मिला था। वह पिछले 19 साल से इस बंगले में रह रहे थे। राहुल गांधी अब 10 जनपथ में अपनी मां सोनिया गांधी के बंगले में रहेंगे।

क्या विकल्प बाकी

इस मामले में राहुल गांधी के वकीलों ने 3 अप्रैल को सूरत की सेशंस कोर्ट में दो अपील दाखिल की थी। इसमें से एक सजा पर रोक के लिए और दूसरी अपील के निस्तारण तक दोषी ठहराये जाने पर स्थगन के लिए थी। राहुल गांधी को गिरफ्तार करने के फैसले पर 3 मई तक रोक रहेगी। कोर्ट से उन्हें अंतरिम जमानत मिली है। राहुल की मिली जमानत तब तक कायम रहेगी जब तक कि सजा पर रोक वाली याचिका पर फैसला न आ जाए। अब सेशंस कोर्ट के फैसले के राहुल इस मामले में हाईकोर्ट में अपील करेंगे।

राहुल गांधी के लिए मुश्किल की बात यह भी है कि लोक प्रहरी बनाम भारत निवार्चन आयोग के केस में सुनाए गए फैसले के मुताबिक राहुल गांधी तब तक दोबारा से संसद नहीं बन सकते हैं, जब तक कि उनके दोषसिद्धि पर स्टे नहीं लग जाता है। अब राहुल गांधी की ओर से हाईकोर्ट में भी दोनों याचिकाएं लगाई जा सकती है। इसमें वह सजा पर रोक यानी स्टे की मांग के साथ-साथ दोषसिद्धि पर रोक यानी कन्विक्शन पर स्टे की अपील कर सकते हैं।