कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपना सरकारी आवास 12 तुगलक लेन को शनिवार (22 अप्रैल) को पूरी तरह खाली कर दिया। यह बंगला उन्हें एक सांसद के रूप में आवंटित किया गया था। राहुल करीब दो दशक से इस घर में रह रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेता शनिवार को लोकसभा सचिवालय को आवास की चाबी सौंप दी है। अब राहुल ने इस औपचारिकता को पूरा तो किया है, लेकिन एक बड़ा बयान भी दिया है. उन्होंने जोर देकर कहा है कि वे सच बोलने की कीमत चुका रहे हैं.

राहुल गांधी ने अपना सरकारी आवास खाली करने के बाद बोला कि हिंदुस्तान के लोगों ने मुझे 19 साल तक इस घर में रहने का मौका दिया। लेकिन उस घर को मुझसे छीन लिया गया। आजकल सच बोलने की भी कीमत चुकानी पड़ती है। मैं सच बोलने के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हूं।

मां सोनिया गांधी के सरकारी आवास दस जनपथ में रहेंगे

राहुल गांधी मां सोनिया गांधी के सरकारी आवास दस जनपथ में रहेंगे। मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पिछले महीने लोकसभा सांसद के रूप में अयोग्य घोषित किए गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को 12, तुगलक लेन स्थित अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया। राहुल गांधी ने 14 अप्रैल को अपने कार्यालय और कुछ निजी सामान को बंगले से अपनी मां सोनिया गांधी के आधिकारिक आवास में शिफ्ट कर दिया था।

मानहानि मामले में दो साल की सजा के बाद पिछले महीने राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म हुई जिसके बाद उन्हें घर खाली करने का नोटिस मिला था। पिछले कई दिनों से उनका सामान दस जनपथ में शिफ्ट किया जा रहा था।

सूत्रों ने कहा कि अपना कार्यालय बदलने के बाद वह अपनी मां सोनिया गांधी के साथ उनके 10 जनपथ स्थित आवास पर रहना शुरू कर चुके हैं। राहुल गांधी शनिवार को सार्वजनिक अवकाश होने के कारण बंगले की चाबियां लोकसभा सचिवालय को नहीं सौंप पाए। अयोग्यता के बाद बंगला खाली करने के लिए 22 अप्रैल आखिरी तारीख थी।

शशि थरूर बोले यह नियमों के प्रति सम्मान

वहीं, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि राहुल गांधी का बंगला खाली करना एक उदाहरण था। थरूर ने ट्विटर पर लिखा, “आज राहुल गांधी ने लोकसभा सचिवालय के आदेश के जवाब में तुगलक लेन में अपना घर खाली कर दिया। अदालत ने उन्हें अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया और हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट अभी भी उनकी सदस्यता बहाल कर सकते थे लेकिन घर छोड़ने का उनका उदाहरण नियमों के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है।”

राहुल गांधी ने लोकसभा सचिवालय को लिखे अपने पत्र में बंगला खाली करने पर सहमति जताते हुए लिखा था, “पिछले चार बार से लोकसभा के निर्वाचित सदस्य के तौर पर यहां बिताए अपने समय की सुखद यादों के लिए एहसानमंद हूं। अपने अधिकारों के प्रति पक्षपात के बिना मैं निश्चित रूप से आपके पत्र में निहित विवरण का पालन करूंगा।”

वायनाड से सांसद थे राहुल गांधी

गौरतलब है कि राहुल गांधी केरल के वायनाड निर्वाचन क्षेत्र के सांसद रह चुके हैं। सुरत कोर्ट ने 23 मार्च 2023 को उन्हें मानहानि मामले पर दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कोर्ट के फैसले को चुनौती दी लेकिन उनकी अपील को खारिज कर दिया गया था।