Rahul Gandhi Speech Expunged: लोकसभा में बजट सत्र के छठवें दिन चर्चा के दौरान नेता विपक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी एक बार फिर आक्रामक नजर आए। इसके पहले जब वे राष्ट्रपति के अभिभाषण बोले थे, तो विवादों में घिर गए थे और उनके भाषण के कई अंश को सदन की कार्रवाई से हटा दिया गया था और अब एक बार फिर जब वे 29 जुलाई को बोले तो विवादों के बाद स्पीकर ने उनके भाषण पर कैंची चला दी है।
दरअसल, लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी 45 मिनट तक बोले थे। इस दौरान उनके भाषण के दौरान काफी हंगामा हुआ और सत्ता पक्ष के सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद अब राहुल के भाषण पर कैंची चली है।
राहुल गांधी के भाषण पर स्पीकर ने भी जताई आपत्ति
राहुल गांधी ने अपने भाषण में मोहन भागवत, अजित डोभाल, अंबानी और अडानी का नाम शामिल था। राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान कई बार इन लोगों का नाम लिया था, जिस पर उस वक्त स्पीकर ओम बिरला ने भी आपत्ति जताई थी। नेता विपक्ष राहुल गांधी ने अपने भाषण में ‘चक्रव्यूह’ शब्द पर जोर दिया। राहुल गांधी ने महाभारत युद्ध की चक्रव्यूह संरचना का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें डर, हिंसा होती है और अभिमन्यु को फंसाकर छह लोगों ने मारा। उन्होंने चक्रव्यूह को पद्मव्यूह बताते हुए कहा कि ये एक उल्टे कमल की तरह होता है।
‘6 लोगों के कंट्रोल में सबकुछ’
राहुल ने आरोप लगाया कि एक नया चक्रव्यूह तैयार हुआ है, वो भी लोटस की शेप में है, जिसको आजकल पीएम मोदी छाती पर लगाकर घूमते हैं. अभिमन्यु को 6 लोगों ने मारा था, जिनके नाम द्रोण, कर्ण, कृपाचार्य, कृतवर्मा, अश्वस्थामा और शकुनी थे. आज भी चक्रव्यूह के बीच में 6 लोग हैं। चक्रव्यूह के बिल्कुल सेंटर में, 6 लोग कंट्रोल करते हैं, जैसे उस टाइम 6 लोग कंट्रोल करते थे, वैसे आज भी 6 लोग कंट्रोल कर रहे हैं।
ओम बिरला ने जताई था आपत्ति
राहुल गांधी के इस बयान पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला उन्हें टोका और कहा कि जो शख्स इस सदन का सदस्य नहीं है, उसका नाम न लिया जाए। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि अगर वो चाहते हैं कि वो अजित डोभाल, अडानी और अंबानी का नाम न लें तो वो नहीं लेंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि देश की जनता को मोदी सरकार ने चक्रव्यूह में फंसा दिया है, इसमें किसान और युवा सबसे ज्यादा पीड़ित हैं।
राहुल गांधी ने एक जुलाई को नेता प्रतिपक्ष के तौर पर संसद में पहला भाषण दिया था और तब उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान भाषण दिया था। पहले भाषण में राहुल ने संविधान की कॉपी और भगवान शिव की तस्वीर दिखाकर अपनी बात रखी थी। उनके पहले भाषण के एक बड़े हिस्से को संसदीय रिकॉर्ड से हटा दिया गया था।