शेयर मार्केट में भारी गिरावट के बीच लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति ने भ्रम से पर्दा हटा दिया है। वास्तविकता सामने आ रही है। पीएम मोदी कहीं नजर नहीं आ रहे हैं।

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि भारत को वास्तविकता स्वीकार करनी होगी। हमारे पास एक लचीली, उत्पादन-आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है जो सभी भारतीयों के लिए काम करे।

शेयर मार्केट में क्यों आई गिरावट?

अमेरिका के शुल्क बढ़ाने और चीन की जवाबी कार्रवाई के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई है। सेंसेक्स और निफ्टी भी सोमवार को शुरुआती कारोबार में पांच प्रतिशत से अधिक लुढ़क गए। बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 3,939.68 अंक या 5.22 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 71,425.01 अंक पर आ गया। वहीं एनएसई निफ्टी 1,160.8 अंक या 5.06 प्रतिशत फिसलकर 21,743.65 अंक पर रहा।

किस – किस की कंपनी के शेयर गिरे?

हिंदुस्तान यूनिलीवर को छोड़कर सेंसेक्स में शामिल सभी शेयर नुकसान में रहे। टाटा स्टील में सबसे ज्यादा 7.33 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि लार्सन एंड टुब्रो 5.78 प्रतिशत के नुकसान में रहा। इसके अलावा टाटा मोटर्स, कोटक महिंद्रा बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इन्फोसिस, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और एचडीएफसी बैंक के शेयर भी नीचे आए। हिंदुस्तान यूनिलीवर मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ।

क्या शुरू होगा ट्रेड वार?

जियोजीत इन्वेस्टमेंट लि. के रिसर्च हेड विनोद नायर ने न्यूज एजेंसी भाषा से बातचीत में कहा, “बाजार में गिरावट का कारण उच्च अमेरिकी शुल्क और अन्य देशों के जवाबी शुल्क के कारण व्यापार युद्ध शुरू होने की आशंका है। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और धातु जैसे क्षेत्र नुकसान में रहे। इसका कारण धीमी वृद्धि के साथ उच्च मुद्रास्फीति का जोखिम है, जिससे अमेरिका में मंदी की आशंका है।”

काला सोमवार! शेयर बाजार बंद, एक दिन में 19.4 लाख करोड़ स्वाहा, Sensex 2200 अंक गिरा, Nifty 22161 पर बंद

BSE में 3,515 शेयरों में गिरावट रही जबकि 570 लाभ में रहे। 140 के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ। कुल 775 शेयर 52 सप्ताह के निचले स्तर पर जबकि 59 कंपनियों के शेयर 52 सप्ताह के उच्च स्तर पर रहे। मेहता इक्विटीज लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, “अमेरिकी बाजार में शुक्रवार को आई गिरावट के बाद यह तय था कि वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट आएगी और वैसा ही हुआ। इस गिरावट का कारण यह है कि जवाबी शुल्क को लेकर ट्रंप की नीतियों से अमेरिका में आने वाले समय में मंदी आने और महंगाई बढ़ने की आशंका है।” उन्होंने कहा, “कच्चे तेल और कई धातुओं के दाम में गिरावट जारी है। यह संकेत है कि अगर मौजूदा स्थिति बनी रहती है तो मांग नरम पड़ सकती है।” (इनपुट – भाषा)