कांग्रेस नेता राहुल गाँधी राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर थे. इस दौरान राहुल गाँधी ने नागौर, सुरसुरा, रूपनगढ़ समेत कई जगहों पर लोगों को संबोधित किया। किसान रैली में लोगों को संबोधित करते हुए नए कृषि कानून के संदर्भ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि जब ये कानून लागू होंगे तो तब हिन्दुस्तान के किसी भी युवा को रोजगार नहीं मिलेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी ने देश के युवाओं को भूख, बेरोजगारी और आत्महत्या जैसे तीन विकल्प दिए हैं।
अजमेर की किसान रैली में लोगों को संबोधित करते हुए सांसद राहुल गांधी ने कहा कि कृषि सबसे बड़ा व्यवसाय है। यह 40 करोड़ लोगों का व्यवसाय है। नरेंद्र मोदी जी चाहते हैं यह सिर्फ उनके दो मित्रों के हवाले हो जाए। अगर नरेंद्र मोदी के ये कानून लागू हो गए तो सिर्फ किसान को ही नुकसान नहीं होगा बल्कि सभी को होगा। साथ ही राहुल गाँधी ने कहा जब ये कानून लागू होंगे तब हिन्दुस्तान के किसी भी युवा को रोजगार नहीं मिलेगा। इसके अलावा राहुल गाँधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी कहते हैं कि मैं विकल्प दे रहा हूं, हां विकल्प दे रहे हैं और वो तीन विकल्प हैं भूख, बेरोजगारी और आत्महत्या।
इसके अलावा राहुल गाँधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी कहते हैं कि मैं किसानों से बात करना चाहता हूं, किस चीज के बारे में बात करना चाहते हैं। जब तक आप ये कानून वापस नहीं लेंगे तब तक हिन्दुस्तान का एक किसान आप से बात नहीं करेगा. साथ ही राहुल गाँधी ने कहा कि आंदोलन के दौरान करीब 200 किसान शहीद हुए लेकिन लोकसभा, राज्यसभा में सांसद दो मिनट के मौन के लिए खड़े नहीं हुए। इसलिए मैंने कहा कि मैं अपने भाषण के बाद अकेले दो मिनट के लिए शांत खड़ा हो जाऊंगा और जो साथ खड़ा होना चाहता है हो जाए। विपक्ष के सब लोग खड़े हुए लेकिन बीजेपी का एक आदमी भी खड़ा नहीं हुआ।
अपने भाषण के दौरान राहुल गाँधी ने कोरोनाकाल की घटनाओं का भी जिक्र किया। राहुल गाँधी ने कहा कि कोरोना के समय मज़दूरों ने हाथ जोड़कर नरेंद्र मोदी से रेल, बस की टिकट मांगी, मतलब 100-200 रुपये मांगे। नरेंद्र मोदी कहते हैं कि मैं एक रुपया नहीं दूंगा मगर उसी समय नरेंद्र मोदी ने 1,50,000 करोड़ का हिन्दुस्तान के सबसे अमीर लोगों का कर्जा माफ किया।
वहीँ हाल ही में राज्यसभा से सेवानिवृत हुए कांग्रेस के पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मोदी सरकार में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट तो हो रहा है। लेकिन ऐलिनेशन से बचाना होगा. माइनॉरिटी और किसान अभी ऐलिनेटेड महसूस कर रहे हैं। साथ ही गुलाम नबी आजाद ने कहा कि नारा तो है सबका साथ सबका विकास लेकिन उसको प्रैक्टिकली करने की जरुरत है।