असम एवं केरल में कांग्रेस की हार हुई है, पश्चिम बंगाल व तमिलनाडु में उसका प्रदर्शन खास नहीं रहा। राहुल ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘हम लोगों के फैसले को विनम्रता के साथ स्वीकार करते हैं। मैं चुनाव जीतने वाले दलों को शुभकामनाएं देता हूं। मैं इस मौके कांग्रेस के प्रत्येक कार्यकर्ता एवं नेता और हमारे सहयोगियों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने इन चुनावों में मेहनत की। हम लोगों का विश्वास जीतने तक कड़ी मेहनत करेंगे।’’

रूझानों के अनुसार कांग्रेस पार्टी शासित केरल एवं असम में हार की ओर बढ़ रही है और वह गठबंधन के बावजूद पश्चिम बंगाल एवं तमिलनाडु में कुछ खास नहीं कर पाई।

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कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने नतीजों पर निराशा जताई है लेकिन यह भी कहा कि ये नतीजे ‘अनपेक्षित नहीं’ हैं। उन्होंने असम में पार्टी की हार का कारण ‘बदलाव’ की इच्छा बताई। असम में तीन बार से मुख्यमंत्री तरूण गोगोई राज्य में पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। मनीष ने कहा, ‘‘नतीजे निराश करते हैं लेकिन अपेक्षा के विपरीत नहीं हैं। असम 15 वर्षों बाद संभवत: बदलाव चाहता था। केरल में बारी बारी से सरकार आती है।’’

कांग्रेस माकपा गठबंधन के पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के सामने चुनौती पेश नहीं कर पाने के मामले में उन्होंने कहा कि परिणाम के बावजूद कांग्रेस और वामदल के बीच गठबंधन ‘सर्वाधिक स्वाभाविक’ है।