कारोबारी विजय माल्या के देश छोड़ने को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को तीखा पलटवार किया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उन्हें ‘बोफोर्स घोटाले’ से जुड़े रहे ओट्टावियो क्वात्रोची के बारे में याद दिलाया। जेटली ने कहा, ”किसी को (बाहर जाने से) रोकने की एक कानूनी प्रक्रिया होती है। या तो पासपोर्ट जब्त किया गया हो या कोर्ट ने ऐसा आदेश दिया हो। अगर ऐसा नहीं है तो कोई आपको रोक नहीं सकता। बैंक इस तरह का आदेश लेने के लिए कोर्ट पहुंचे थे। इसका अंदाजा लगते ही वह (माल्या) पहले ही निकल गए।” जेटली के मुताबिक, ”बेहतर होता कि बैंक ये प्रक्रिया और पहले शुरू करते।”
जेटली ने आगे कहा, ”राहुल जी को यह याद रखना चाहिए माल्या और क्वात्रोची के देश से बाहर जाने में फर्क है। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि जब सि्वट्जरलैंड के अधिकारियों ने जानकारी दी कि क्वात्रोची बोफोर्स डील से लाभांवित होने वाले लोगों में से एक हैं तो उस वक्त सीबीआई जांच दल के मुखिया के माधवन ने उनका पासपोर्ट जब्त करने को लेकर चिट्ठी लिखी थी। हालांकि, उन्हें कोई रोक नहीं सका। वह एक आपराधिक मामला था।”
इससे पहले, लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में गुरुवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली ने विजय माल्या के देश छोड़कर भागने पर सरकार का पक्ष सामने रखा। इस पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कि वे जेटली के बयान से संतुष्ट नहीं हैं। राहुल गांधी ने कहा कि हमने जेटली से पूछा कि 9 हजार करोड़ रुपए लेकर विजय माल्या को देश छोड़कर भागने कैसे दिया? इस पर जेटली ने सवाल का जवाब देने की बजाय एक लंबा भाषण दे दिया।
राहुल ने पीएम मोदी और सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, लुक-आउट नोटिस होने के बावजूद विजय माल्या देश छोड़कर कैसे भाग गए? लेकिन इसका कोई जवाब नहीं दिया गया। माल्या को सरकार की फेयर एंड लवली स्कीम का फायदा मिला है। पीएम मोदी ने देश की जनता से वादा किया था कि वे देश में कालाधन वापस लाएंगे और हर एक नगारिक के खाते में 15 लाख रुपए डालेंगे। लेकिन आपने 9091 करोड़ रुपए के चोर को आराम से देश से भागने दिया। एक गरीब आदमी चोरी करता है तो आप मारकर अंदर कर देते हैं, लेकिन एक बड़ा बिजनेसमैन चोर है तो आपने उसे फर्स्ट क्लास इंग्लैंड भेज दिया।’
वित्तमंत्री जेटली ने लोकसभा में कहा कि सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। साथ ही कहा कि विजय माल्या को बैंक द्वारा कर्ज तो कांग्रेस के राज में दिया गया था। बैंक कर्जदारों के खिलाफ हर संभव कदम उठाएंगे।
राज्यसभा में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने जेटली पर पलटवार करते हुए कहा कि बैंकों ने 5 मार्च तक मामला दर्ज नहीं कराया था, तब तक अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि विजय माल्या देश छोड़ चुके हैं। सवाल ये नहीं कि माल्या को लोन किसने दिया, सवाल ये है कि उन्हें भारत कैसे छोड़ने दिया गया?
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सरकार को लापरवाह बताते हुए कहा कि विजय माल्या कोई सुई नहीं है, जिसे पकड़ा नहीं सकता था। उन्हें एक किलोमीटर दूर से भी देखा जा सकता है। मैं सरकार पर आरोप लगता हूं । विजय माल्या को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया, क्यों उनका पासपोर्ट जब्त नहीं किया गया?