भूमि विधेयक पर सरकार के पलटी मारने पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस के डटकर खड़े होने के कारण सरकार धमकी देने और चिल्लाने के बाद भाग खड़ी हुई है। राहुल गांधी ने इसके साथ ही प्रतिबद्धता जताई कि उनकी पार्टी ललित मोदी और व्यापमं मुद्दों पर सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे के लिए दबाव बनाने को इसी प्रकार जारी रखेगी।
एक दिन पहले संसदीय समिति में भाजपा सदस्यों द्वारा यूपीए सरकार के कार्यकाल में लाए गए भूमि कानून के प्रावधानों को बहाल करने को लेकर संशोधन पेश करने पर सहमत होने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष ने मंगलवार को कहा कि भूमि मुद्दे पर कांग्रेस उनके सामने खड़ी रही। वे (सरकार) चिल्लाए , बहुत शोर मचाया, धमकी दी और बाद में पलट कर भाग खड़े हुए।
राहुल ने कहा कि इसी प्रकार भ्रष्टाचार व व्यापमं के मुद्दे पर, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और सुषमा स्वराज के मुद्दे पर, हम उन पर अपना दबाव कम नहीं करेंगे भले ही वे हमें बाकी संसद से बाहर धकेल दें या हमें संसद में प्रवेश ही नहीं करने दें। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने लोकसभा से पार्टी के 25 सदस्यों को निलंबित किए जाने के खिलाफ संसद भवन परिसर में अपनी पार्टी के सांसदों द्वारा किए जा रहे आंदोलन के बीच ये टिप्पणी की।
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कांगे्रस के सदस्यों को संसद के दोनों ही सदनों में मानसून सत्र शुरू होने के साथ से ही ललित मोदी प्रकरण व व्यापमं घोटाले को लेकर विदेश मंत्री, राजस्थान की मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग पर हंगामा और नारेबाजी करने के कारण सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष द्वारा निलंबन की कार्रवाई का सामना करना पड़ा था। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पूरे देश में इन मुद्दों पर सरकार का घेराव करेगी।
संसद की संयुक्त समिति के सभी 11 भाजपा सदस्यों ने यूपीए के भूमि कानून के महत्वपूर्ण प्रावधानों को वापस लाए जाने के लिए संशोधन पेश किए। जिनमें सहमति उपबंध और सामाजिक आकलन का प्रावधान भी शामिल है। मोदी सरकार ने पिछले वर्ष दिसंबर में इस विधेयक में बदलाव किए थे और उसके बाद इस संबंध में तीन बार अध्यादेश जारी किया जा चुका है। कांग्रेस सहित कुछ दल इस प्रारूप का कड़ा विरोध कर रहे थे।